सामान्य ज्ञान
बंगाल की खाड़ी में स्थित केंद्रशासित अंडमान -निकोबार में मैरिन नेशनल पार्क स्थित है। यही पर है मूंगा द्वीपों का समूह। पार्क की सीमा में 15 छोटे- छोटे द्वीपों का समूह-लाब्रिथ द्वीप समूह है, इसका निर्माण सामान्य धरती की तरह नहीं, बल्कि इसे समुद्री जीव मूंगों (कोरल) ने बनाया है।
मूंगों की चट्टïान के निर्माण के संबंध में अनेक सिद्धांत प्रचलित हैं। इनमें चाल्र्स डार्विन की अवधारणा सबसे अधिक मान्य है। 1842 में डार्विन ने कहा था कि एक ज्वालामुखी के शांत होने के कारण तटीय प्रवाल भित्ती का निर्माण हुआ और धीरे-धीरे यह भाग ऊपर उठ गया । ज्वालामुखी के पूरा शांत हो जाने के बाद यह प्रवाल द्वीप अस्तित्व में आया। इनमें कई लैगून यानी मूंगों चट्टïानों के बीच झील बन गई। प्रवाल द्वीपों पर सबसे पहले रेत टीले के रुप में एकत्रित हुई। पक्षियों के बीट से यह भूमि उपजाऊ बन गई। फलस्वरुप इस भूमि पर वनस्पति का उगना संभव हो पाया।
लाब्रिथ द्वीप समूह का तटीय क्षेत्र समुद्री कछुओं के प्रजनन की भूमि है। यहां पांच प्रजातियों के समुद्री कछुए पाए जाते हैं। मैरिन राष्टï्रीय पार्क में दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी पाए जाते हैं। इनमें निकोबारी कबूतर और समुद्री गरुड़ जैसे दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं।