सामान्य ज्ञान
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना की शुरूआत 1969 में की गई थी और इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के जरिये युवा छात्रों का व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण था। एनएसएस की वैचारिक अनुस्थापना महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है और इसका आदर्श वाक्य है-मैं नहीं, लेकिन आप।
एनएसएस को उच्चतर माध्यमिक स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय में कार्यान्वित किया जा रहा है। एनएसएस की परिकल्पना में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि इस योजना के दायरे में आने वाले प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में एनएसएस की कम से कम एक इकाई हो और उसमें सामान्यत: 100 छात्र स्वयंसेवक हों। इस इकाई की अगुवाई एक शिक्षक करता है जिसे कार्यक्रम अधिकारी का दर्जा दिया जाता है। प्रत्येक एनएसएस की इकाई एक गांव अथवा मलिन बस्ती को गोद लेती है।
एनएसएस की शुरूआत 1969 में 37 विश्वविद्यालयों में 40 हजार कार्यकर्ताओं को लेकर की गई थी। आज 336 विश्वविद्यालयों, 15 हजार 908 कॉलेजों/तकनीकी संस्थानों और 11 हजार 809 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में एनएसएस के लगभग 33 लाख कार्यकर्ता हैं। विश्व के इस सबसे बड़े छात्र स्वयंसेवक कार्यक्रम से अभी तक 4.25 करोड़ छात्र लाभान्वित हुए हैं। इसके अतिरिक्त एनएसएस ने सामूहिक साक्षरता, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया है। प्राकृतिक आपदाओं के समय एनएसएस कार्यकर्ताओं ने राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है।