सामान्य ज्ञान
द ड्रैमेटिक डिकेड - इंदिरा गांधी ईयर्स , भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा लिखित पुस्तक है।
इस किताब को ऑनलाइन जारी किया गया है। यह पुस्तक रूपा पब्लिकेशंस द्वारा जारी की गई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है कि वर्ष 1975 में देश में आपातकाल लगाना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूल थी। इसकी कीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी। किताब में उन्होंने लिखा है कि उस वक्त कि स्वयं इंदिरा गांधी को आपातकाल के संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी नहीं थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धांत शंकर राय के सुझाव पर यह फैसला किया था। पुस्तक के अनुसार प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा गांधी की इच्छा के विपरीत 1980 का लोकसभा चुनाव लड़ा था और जब वह हार गए थे, तब इंदिरा गांधी ने उन्हें काफी देर तक फटकार लगाई थी, लेकिन हारने के बाद भी उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल गई थी। प्रणव मुखर्जी के नेहरू-गांधी परिवार से करीबी संबंध रहे हैं। 1973 में वे औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मंत्री के रूप में पहली बार मंत्रिमण्डल में शामिल हुए थे। उस वक्त इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। वे सन 1982 से 1984 तक कई कैबिनेट पदों के लिए चुने जाते रहे और और सन् 1984 में भारत के वित्त मंत्री बने। हालांकि उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन 1989 में राजीव गांधी के साथ समझौते के बाद वे एक बार फिर कांग्रेस में लौटे थे।