सामान्य ज्ञान

जियाओमी
15-Dec-2020 12:50 PM
जियाओमी

जियाओमी को चाइनीज एप्पल कहा जाता है। यह एक चीनी कंपनी है, जो मोबाइल बनाती है। आज यह कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। इस मामले में सैमसंग पहले और एप्पल दूसरे स्थान पर है।  चौथे और पांचवें  पायदान पर लेनोवो और एलजी कंपनियां हैं। हालांकि इस कंपनी पर भारत में प्रतिबंध लग गया है। 
भारत में इसके उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। जियाओमी देश में अपने स्मार्टफोन ऑनलाइन शापिंग रिटेलर फ्लिपकार्ट के माध्यम से बेचती है। 
इस कंपनी की नींव 6 अप्रैल 2010 को रखी गई थी। इसका मुख्यालय  बीजिंग में है। यह कंपनी स्मार्टफोन वितरक कंपनी है, जो स्मार्टफोन, मोबाइल एप्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स का निर्माण करने के साथ ही उनकी बिक्री भी करती है।  इस कंपनी ने अगस्त 2011 में अपना पहला स्मार्टफोन बाजार में उतारा था।  इसके बाद से यह कंपनी लगातार तरक्की कर रही है।  इस कंपनी के मालिक और वर्तमान में इसके सीईओ लेई जून हैं। फोब्र्स पत्रिका ने इन्हें चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों में 23 वें नंबर पर रखा है। इस कंपनी में 3 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।  इसके आफिस चीन के अलावा मलेशिया, सिंगापुर के अलावा दुनिया के अन्य कई देशों में कार्यरत हैं। इनमें भारत और इंडोनेशिया भी शामिल हैं।  
दिसंबर 2014 में  दिल्ली उच्च न्यायालय ने जियाओमी टेक्नोलॉजी लिमिटेड को अपने डिवाइस की बिक्री 5 फरवरी 2015 तक भारत में करने पर  प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही यह कंपनी भारत में अपना वेबसाइट भी बंद करेगी। 
भारत में आने के बाद जियाओमी पर शुरू से ही आरोप लगते आए हैं। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने जियाओमी पर यूजरों के पर्शनल डेटा को चीनी खूफिया एंजेंसी को ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था। जिसके कारण वायु सेना के अधिकारियों को जियाओमी का फोन खरीदने से मना कर दिया गया था। 
स्वीडेन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्शन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका द्वारा  जियाओमी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें जियाओमी पर एरिक्शन के पेटेंट का उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। एरिक्शन ने आरोप लगाया है कि चीनी कंपनी जियाओमी धोखाधड़ी से उसके उत्पाद भारत में बेच रही है। यह पेटेंट कानून का उल्लंघन है। कोर्ट के आदेशानुसार जब तक कानूनी समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता तब तक जियाओमी भारत में किसी भी नए फोन को न ला सकती है और न ही बेच सकती है और न ही उसका प्रचार कर सकती है।

क्या है फ्रांड
फ्रांड  एक कानूनी शब्द है जिसका भावार्थ उचित और भेदभाव रहित व्यवस्था के सन्दर्भ में निकाला जाता है और आम तौर पर पेटेंट लाइसेंस शर्तों का वर्णन करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।  समान्यत: कंपनियां  फ्रांड  शर्तों के अंतर्गत लाइसेंसिंग व्यवस्था को स्वीकार करती है तभी वह किसी प्रतिष्ठित संस्था का भाग बन सकती हैं।
 

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