सामान्य ज्ञान
लेटेराइट मिट्टी भारत में पाई जाने वाली मिट्टïी का एक प्रकार है। इसका निर्माण मानसूनी जलवायु की आर्द्रता एवं शुष्कता के क्रमिक परिवर्तन के परिणास्वरूप उत्पन्न विशिष्टï परिस्थितियों में होता है। इसमें आयरन एवं सिलिका की बहुलता होती है। शैलों के टूट-फूट से निर्मित होने वाली इस मिट्टी को गहरी लाल लेटेराइट, सफेद लेटेराइट तथा भूमिगत जलवायी लेटेराइट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। गहरी लाल लैटेराइट में लौह ऑक्साइड तथा पोटाश की बहुलता होती है। इसकी उवर्रता कम होती है, लेकिन निचले भाग में कुछ खेती की जाती है। सफेद लेटेराइट की उर्वरकता सबसे कम होती है और केओलिन के कारण रंग सफेद होता है। भूमिगत जलवायी लेटेराइट काफी उपजाऊ होती है, क्योंकि वर्षाकाल में लौह ऑक्साइड जल के साथ घुलकर नीचे चले जाते हैं। लेटेराइट मिट्टïी चाय की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होती है।