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रिजर्व बैंक का ग्राहकों के अधिकारों से जुड़ा चार्टर
23-Dec-2020 1:04 PM
रिजर्व बैंक का ग्राहकों के अधिकारों से जुड़ा चार्टर

रिजर्व बैंक ने हाल में ग्राहकों के अधिकारों से जुड़ा चार्टर जारी किया है।  इसके तहत बैंकों के ग्राहकों को 5 बुनियादी अधिकार हैं। जो इस प्रकार हैं-
1. निष्पक्ष बर्ताव का अधिकार- इसके तहत बैंकों को प्रॉडक्ट और सर्विसेज ऑफर करते वक्त लिंग, उम्र, धर्म, जाति और शारीरिक अक्षमता के अधिकार पर भेदभाव करने पर पाबंदी है। हालांकि, बैंक कस्टमर्स को अलग-अलग इंटरेस्ट रेट या प्रॉडक्ट ऑफर कर सकते हैं। आरबीआई ने कहा है,  बहरहाल, फाइनेंशियल सर्विसेज प्रोवाइडर के पास कुछ ऐसे स्पेशल प्रॉडक्ट्स हो सकते हैं, जिनको किसी खास टारगेट ग्रुप को ध्यान में रखकर बनाया गया हो। 
2. निष्पक्ष और ईमानदार डील का अधिकार- ग्राहक भाषा और डॉक्युमेंट्स के मामले में बैंक से पारदर्शिता और आसानी की उम्मीद कर सकते हैं। चार्टर के मुताबिक, बैंकों को पक्का करने की जरूरत है कि सभी कॉन्ट्रैक्ट्स पारदर्शी हों और इसे आम आदमी आसानी से समझ सके। आसान भाषा में प्रभावकारी तरीके से बात कहने की जिम्मेदारी बैंकों की होगी। साथ ही, प्रॉडक्ट प्राइस से जुड़ी जानकारी, कस्टमर्स की जिम्मेदारियां और अहम जोखिम के बारे में बैंकों को तत्काल खुलासा करना होगा। इस अधिकार के जरिये ग्राहक गलत बिजनस प्रैक्टिस और परेशानी से बच सकेंगे।
3. क्या चीजें सही हैं, इससे जुड़ा अधिकार- कई तरह की रेग्युलेशन के बावजूद मिस-सेलिंग से जुड़ी शिकायतें डिस्ट्रिब्यूशन स्पेस में मुश्किलें पैदा कर रही हैं। खास तौर पर लाइफ इंश्योरेंस- इन्वेस्टमेंट पॉलिसी के मामले में ऐसा होता है। ज्यादा कमिशन के लालच में सेल्स अधिकारी कस्टमर को गलत प्रॉडक्ट्स बेचने की कोशिश करते हैं। इस चार्टर के अमल में आने से ऐसे अधिकारियों के लिए ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। मसलन ये अधिकार फिलहाल मार्केट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स भी वरिष्ठ नागरिकों को बेच देते हैं, जिन्हें स्थिर रिटर्न की तलाश रहती है।
4. प्राइवेसी का अधिकार- कस्टमर्स की निजी जानकारी को गुप्त रखना बैंकों की अहम जिम्मेदारी है। हालांकि, कानून इसकी जरूरत पडऩे या ग्राहक की सहमति से यह जानकारी साझा की जा सकता है। चार्टर में कहा गया है,  कस्टमर्स को ऐसे सभी तरह कम्यूनिकेशन की सुरक्षा का अधिकार है, जो उनकी प्राइवेसी से जुड़ा हो। बैंक आपकी निजी जानकारी को टेलिमार्केटिंग कंपनियों को नहीं दे सकते।  
5. शिकायतें के निपटारे और मुआवजे का अधिकार- अगर आपका बैंक बुनियादी नियमों के पालन में नाकाम रहता है, तो शिकायतों के निपटारे का अधिकार आपकी मदद करेगा। चार्टर बैंकों को अपने प्रॉडक्ट्स के अलावा थर्ड पार्टी के लिए भी जवाबदेह बनाता है। प्रॉडक्ट की बिक्री के बाद बैंक अब अपनी जवाबदेही से पल्ला नहीं छुड़ा पाएंगे। चार्टर के मुताबिक, बैंकों को अपनी गलतियों की क्षतिपूर्ति और परफॉर्मेंस में देरी आदि के लिए भी पॉलिसी बनानी होगी।
 

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