सामान्य ज्ञान
तंदूरी पाककला, मिट्टïी की बेलनाकार भट्टïी या तंदूर में लकड़ी के कोयले की आंच पर भोजन पकाने की पद्घति है। विशाल कलश की आकृति वाला तंदूर कम से कम एक मीटर ऊंचा और प्राय: गर्दन तक जमीन में धंसा होता है।
ऐसा माना जाता है कि तंदूरी पाककला का जन्म फारस में हुआ, जहां से यह किसी एक या अन्य रूप में संपूर्ण भारत में लोकप्रिय हो गई। तंदूर को गर्म करने के लिए इसमें लकड़ी या कोयले की आग घंटों तक जलाकर रखी जाती है। मसालेदार कबाब (मांस) को दही और मसालों में लपेटकर लोहे की पतली छड़ों में पिरोकर गर्म तंदूर में रखकर पकाया जाता है। यह पककर तंदूरी रंग का (सुर्ख नारंगी लाल) हो जाता है, तब इसमें प्राकृतिक वनस्पति रंग मिलाया जाता है। गेहूं के आटे से बना अंडाकार नान (रोटी) तंदूर के भीतर दीवार पर लगाकर पकाया जाता है। तंदूरी मुर्गा तंदूरी पाककला का सर्वाधिक लोकप्रिय व्यंजन है।