सामान्य ज्ञान

भारत में विभिन्न समुदाय अलग-अलग दिन मनाते हैं नया साल
31-Dec-2020 1:01 PM
भारत में विभिन्न समुदाय अलग-अलग दिन मनाते हैं नया साल

अनेकता में एकता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते भारत में अनेक पर्व और त्यौहार मनाए जाते हैं। यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी समुदायों के लोग अपनी-अपनी संस्कृति को निभाते हुए नया साल मनाते हैं। पर यह नया साल 1 जनवरी को हो, यह ज़रूरी नहीं। आज हम आपको बताते हैं भारत के सभी समुदायों में कब-कब शुरू होता है नया साल-
हिंदू नववर्ष- हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हिन्दी पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। यानि इस बार हिंदू समाज के अनुसार 28 मार्च को होगा नए साल का स्वागत। एक साल में 12 महीने और 7 दिन का सप्ताह विक्रम संवत से ही प्रारंभ हुआ है। इस समय विक्रम संवत 2068-69 चल रहा है।
मुस्लिम नववर्ष- मुस्लिम समुदाय में नया साल मोहर्रम की पहली तारीख से माना जाता है। मुहर्रम इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन का पहला महीना है।
मलयाली समाज का नववर्ष- मलयाली समाज में नया वर्ष ओणम से मनाया जाता है। ओणम अगस्त और सितंबर के बीच मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन राजा बली अपनी प्रजा से मिलने के लिए पृश्वी पर आते हैं।
तमिल समुदाय का नववर्ष- तमिल नववर्ष पोंगल से शुरू होता है। पोंगल हर साल 14-15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्यौहार नई फसल के आने की खुशी में मनाया जाता है। पोंगल में सूर्य देव को प्रसाद चढ़ाया जाता है।
महाराष्ट्रियन वालों का नववर्ष- महाराष्ट्रियन समाज चैत्र माह की प्रतिपदा को ही नववर्ष मनाता है। इस दिन बांस को नई साड़ी पहनाकर उस पर तांबे या पीतल के लोटे को रखकर गुड़ी बनाई जाती है। परिवार की संपन्नता के लिए गुड़ी को घर के बाहर लगाया जाता है।
पंजाबी समुदाय का नववर्ष- पंजाबी लोग बैसाखी से अपना नया साल मानते हैं। बैसाखी हर साल 13-14 अप्रैल को मनाई जाती है। यह त्यौहार नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन नए कपड़े पहनकर भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है।
पारसियों का नववर्ष- 19 अगस्त को मनाया जाने वाले पारसी नवर्ष को नवरोज कहा जाता है। इसी दिन फारस के राजा जमशेद ने सिंहासन ग्रहण किया था। जमशेद ने ही पारसी कैलेंडर बनाया था।
जैन समुदाय का नववर्ष- जैन समुदाय में दीवाली के दिन नये साल का आगाज़ होता है। इसे वीर निर्वाण संवत कहा जाता है।
गुजराती नववर्ष- दीपावली के दूसरे दिन पडऩे वाली परीवा को गुजराती लोग नया साल मनाते हैं। गुजराती पंचांग भी विक्रम संवत पर आधारित है।
बंगाली नववर्ष- बैसाख की पहली तारीख को बंगाली समुदाय नववर्ष का स्वागत करता है। इस दिन नई फसल की कटाई का जश्न मनाया जाता है और व्यापारी लोग नया बही खाता शुरू करते हैं।
इन सब के बीच बढ़ते चलन के साथ-साथ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सभी समुदाय के लोग 1 जनवरी को भी नए साल का जश्न मना लेते हैं
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news