सामान्य ज्ञान

ईस्ट इंडिया कंपनी
01-Jan-2021 1:32 PM
ईस्ट इंडिया कंपनी

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसंबर 1600 के दिन हुई थी जब इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने एक चार्टर जारी कर अंग्रेज व्यापारियों को पूर्वी देशों के साथ व्यापार का पट्टा दिया।
इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने द गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ लंदन ट्रेडिंग इन ईस्ट इंडीज की स्थापना को स्वीकृति दी थी। इस कंपनी को पूर्वी द्वीप समूह के देशों से व्यापार करने का एकाधिकार दिया गया था। कंपनी का गठन मसाले के व्यापार के लिए किया गया था जिसमें उस दौर में स्पेन और पुर्तगाल का एकाधिकार था। समय जैसे-जैसे बीतता गया कंपनी ने मसाले के अलावा कपास, रेशम, चाय, नील और अफीम का व्यापार भी शुरू कर दिया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के तत्कालीन मुगल बादशाह जहांगीर से व्यापार और सूरत में कारखाना लगाने की इजाजत लेकर व्यापार शुरू किया और दो सौ साल के भीतर लगभग पूरे भारत को कब्जे में ले लिया था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने दुनिया की पहली बहुराष्ट्रीय और सबसे बड़ी कंपनी बनने के साथ- साथ ब्रिटिश साम्राज्य की इमारत भी खड़ी की थी। लेकिन 1857 में भारतीय सेना के विद्रोह के बाद इस कंपनी को एक जनवरी 1874 को भंग कर दिया गया और ब्रिटेन की सरकार ने भारत के संचालन का काम सीधा अपने हाथों में ले लिया। इसके साथ ही करीब दो सौ साल चलने वाला औपनिवेशिक शासन शुरू हुआ।
 

कार्बनिक यौगिक
कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। 
इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं।
 

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