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अंटार्टिका में रिसर्च सेंटर
02-Jan-2021 1:17 PM
अंटार्टिका  में रिसर्च सेंटर

अंटार्टिका, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद यह पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है । अंटार्टिका में शामिल है अंटार्टिका महाद्वीप और बर्फ की चट्टानें, पानी एवं दक्षिणी अंटार्किका अभिसरण में स्थित दक्षिणी महासागर के द्वीप प्रदेश। तुलनात्मक दृष्टि से अंटार्टिका आकार में ऑस्ट्रेलिया से लगभग दोगुना बड़ा है।
 अंटार्टिका का लगभग 98 फीसदी हिस्सा बर्फ से ढंका है।  अंटार्टिका में भारत ने 3 बेस स्टेशन स्थापित किए हैं जिनके नाम हैं-  दक्षिण गंगोत्री,  मैत्री और भारती।  हाल ही में चीन ने भी यहां पर अपना एक और रिसर्च स्टेशन खोला है जिसका नाम है ताईशान। दक्षिणी धु्रव पर यह चीन की चौथी अनुसंधानशाला है।  इस अनुसंधानशाला की स्थापना का उद्देश्य जैव पारिस्थितिकी और रिमोट सेटेलाइट सेंसिंग के लिए शोध का आधार प्रदान करना है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के मैक्मुर्डो स्टेशन , इटली के जूच्चेल्ली स्टेशन और हाल ही में दक्षिण कोरिया द्वारा बनाए गए एक स्टेशन के करीब स्थित है। अंटार्टिका में चीन के तीन अन्य रिसर्च स्टेशन हैं- ग्रेट वॉल, जोंगशान और कुनलुन। चीन का पहला रिसर्च स्टेशन ग्रेट वॉल स्टेशन 1985 में शुरू हुआ था।
 

न्यायिक नियुक्ति आयोग
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 26 दिसंबर 2013 को सर्वोच्च न्यायलय एवं उच्च न्यायलय में नियुक्ति एवं न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013 को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की मंजूरी दी।
न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013  से उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के कालेजियम प्रणाली दूर होगी। भारत के संविधान के अनुच्छेद 124(2) में जेएसी की सिफारिश पर जजों की नियुक्ति के लिए, भारत के राष्ट्रपति को शक्ति देने के लिए संशोधन किया जाएगा। न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013 द्वारा भारतीय संविधान में अनुच्छेद 124(1)  को जोड़ते हुए निम्नलिखित अनुच्छेदों में संशोधन होगा- अनुच्छेद 124(2),  अनुच्छेद 217(1) और अनुच्छेद 222(1)।  
जेएसी संविधान के अनुसार यूपीए सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत (120 वां संशोधन) विधेयक 2013 के अनुसार एक साधारण कानून द्वारा निर्धारित किया जाएगा। जेएसी के कार्यकाल में संविधान संशोधन हेतु संसद में संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। 
नए प्रस्ताव के अनुसार न्यायिक नियुक्ति आयोग में छह सदस्य होंगे जिसमे भारत के मुख्य न्यायाधीश, दो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा दो न्यायविदों के मनोयन करने के स्थान पर दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों का मनोयन होगा। दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आयोग में नियुक्त करने वाली कॉलेजियम व्यवस्था में भारत के प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल हैं।
 

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