सामान्य ज्ञान
केरल के कोच्चि में पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड की परियोजना सबसे बड़े निवेशों में से एक है। 4500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह दुनिया की सबसे उत्कृष्ट सुविधाओं में से एक है और इसका निर्माण जापान, ताइवान तथा विभिन्न अन्य देशों के अनुबंधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
इस परियोजना में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के समान प्रति वर्ष पांच मिलियन टन आयात, भंडारण और पुन: गैसीकरण की सुविधाएं उपलब्ध हंै। इसका निर्माण उद्योगों एवं परिवहन क्षेत्र को स्वच्छ एवं हरित र्इंधन प्रदान करने के लिए किया गया है। एलएनजी एक आणविक संरचना के कारण स्वच्छ एवं सुरक्षित ईंधन है और इसके परिणाम स्वरूप एलएनजी से डीजल और अन्य सल्फर ईंधनों की तुलना में ग्रीन हाऊस और विषाक्त गैसों का कम उत्सर्जन होता है। एलएनजी को डीजल की तुलना में इग्निशन के लिए काफी अधिक तापमान की आवश्यकता होती है।
पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड का गुजरात में भी 10 मिलियन मैट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाला एक संयंत्र है। 15 एमएमटीपीए क्षमता प्राप्त करने के लिए हाल ही में इसने अपने दाहेज संयंत्र की क्षमता विस्तार प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। आंध्र प्रदेश के गंगावरम में भी 5 एमएमटीपीए सुविधा वाले एक संयंत्र को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इन तीन संयंत्रों के साथ ही पीएलएल को उम्मीद है कि यह वर्ष 2017-18 तक 25 एमएमटीपीए की संयुक्त एलएनजी क्षमता के साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया में सबसे बड़े एलएनजी टर्मिनलों में से एक होगा।