सामान्य ज्ञान
रेशम मूल्य-श्रृंखला के उपभोक्ताओं और हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए वस्त्र मंत्रालय ने जून-2004 में सिल्क मार्क की एक विशिष्ट पहल की। सिल्क मार्क का लेबल इस बात की पुष्टि करता है कि जिस उत्पाद पर यह निशान लगा है वह असली रेशम का बना है जिसे वस्त्र मंत्रालय के केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा संवर्धित सिल्क मार्क ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यह रेशम के मूल, मध्यवर्ती अथवा पूरे हो चुके उत्पादों पर लगाया जा सकता है जिसमें धागे, साड़ी , कपड़े, कालीन आदि शामिल हैं।
इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं और इसके विशेषज्ञों के हितों की रक्षा करना है। जून-2004 में इसकी शुरुआत के बाद से 2150 से भी अधिक सदस्य इस संगठन में शामिल हुए हैं जिसमें से 1800 से अधिक अधिकृत उपयोगकर्ता हैं। लगभग 1.60 करोड़ रेशम निशान वाले उत्पाद उपभोक्ताओं के लाभ के लिए बाजार में पहुंच चुके हैं। उपभोक्ताओं के बीच अपनी पहचान बनाने के साथ ही यह रेशम उद्योग में भी अपना भरोसा जगा रहा है।