सामान्य ज्ञान

सेवन फेस्ड बर्ड
29-Jan-2021 12:49 PM
सेवन फेस्ड बर्ड

टर्की को ही सेवन फेस्ड बर्ड कहा जाता है। दरअसल  गोलमटोल टर्की  अपनी गर्दन की लटकी हुई चमड़ी को गुस्सा या जोश को दिखाने के लिए बड़ी खूबसूरती से इस्तेमाल करती है।  यह पक्षी अपनी गर्दन का रंग बदल कर ये सारी भावनाएं व्यक्त करता है। गुस्से में उसकी गर्दन का रंग लाल से नीला हो जाता है, तो जोश में नीले से सफेद। अपनी इसी खूबी की वजह से जापान और कोरिया में  इसे सेवन-फेस्ड बर्ड या सात चेहरों वाला पक्षी कहा जाता है।

 हाल ही में एक शोध में इस बात का पता चला है कि टर्की  के गर्दन की झूलती हुई चमड़ी में बड़ी खूबी होती है, जो कई खतरनाक स्थितियों में इंसान का जीवन बचा सकती है और वह भी छोटे मोटे खतरों से नहीं बल्कि आंतकी हमले, रासायनिक रिसाव या फिर कैंसर जैसे खतरों से। टर्की की चमड़ी के इस विशेष गुण के कारण ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया के इंजीनियरों ने निर्णय किया कि वे इस पर शोध करेंगे।

टर्की खतरे को भांप कर जिस खूबी से रंग बदलने की क्षमता रखता है, उसका कारण जानने के लिए वैज्ञानिकों ने टर्की की त्वचा का बारीकी से अध्ययन किया। पता यह चला कि इस पक्षी की चमड़ी में प्रकाश को परावर्तित करने वाले कोलेजन फाइबर के गुच्छे पाए जाते हैं, जो कि रक्त वाहिकाओं के घने जाल के बीच फैले होते हैं। जब खून ले जाने वाली धमनियां फैलती या सिकुड़ती हैं तब उनके साथ साथ कोलेजन फाइबर भी हरकत में आ जाते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि इसी गतिविधि के कारण इनकी त्वचा पर पडऩे वाला प्रकाश अलग अलग कोणों से परावर्तित होता है। इस तरह से चमड़ी का रंग बदला हुआ दिखाई देता है।

क्या है रेल शुल्क प्राधिकरण

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 जनवरी 2014 को रेल शुल्क प्राधिकरण (आरटीए) की स्थापना को मंजूरी प्रदान की। इसका उद्देश्य भारतीय रेलवे व्यापार में यात्री किराए और माल भाड़े के लिए एकीकृत, पारदर्शी और गतिशील मूल्य निर्धारण तंत्र विकसित करना है। फिलहाल रेलवे का किराया और माल भाड़ा की दरों का निर्धारण रेलवे बोर्ड रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत करता है।

रेल शुल्क प्राधिकरण (आरटीए) एक सलाहकार निकाय होगा जो रेल मंत्रालय को रेल किराए के संबंध में सलाह देगा। आरटीए में एक अध्यक्ष और शीर्ष स्तर के चार सदस्य होंगे। सम-समय पर इनपुट लागत और बाजार की हालात को देखते हुए रेलवे के किराए में संशोधन की सिफारिश को लागू करना है। इससे सरकार को भविष्य में विकास के लिए अपेक्षित अधिशेष पैदा करने में मदद मिलेगी। आरटीए द्वारा की गई सिफारिशों को आमतौर पर रेलवे मंत्रालय मानना होगा। अगर किसी वजह से मंत्रालय सिफारिशों को मानने से इंकार करती है तो मंत्रालय उसे फिर से आरटीए को समीक्षा के लिए भेज देगा।  आरटीए देश के रेल क्षेत्र का पहला बाहरी मूल्य निर्धारण नियामक संस्था होगी। आरटीए को अनिवार्य शक्तियां संसद द्वारा रेलवे अधिनियम, 1989 में पर्याप्त संशोधन करने के बाद ही दी जा सकेंगी।

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