सामान्य ज्ञान

एशिया में सबसे पहले उगाई गई गाजर
05-Feb-2021 12:24 PM
 एशिया में सबसे पहले उगाई गई गाजर

आलू के बाद गाजर विश्व की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सब्जी है। एशिया के लोगों ने सबसे पहले लगभग गाजर की खेती प्रारम्भ की और वहीं से यह विश्व के अन्य देशों में पहुंची। विद्वानों का मत है कि गाजर का मूल उत्पत्ति स्थल अफगानिस्तान, पंजाब व कश्मीर की पहाडिय़ां हैं, जहां आज भी इसकी जंगली जातियां पाई जाती हैं। पहले गाजर को इसकी खुशबूदार पत्तियों और बीजों के लिये उगाया जाता था जिनका प्रयोग औषधियों में होता था। लेकिन बाद में इसे एक सब्जी के रूप में भी प्रयोग किया जाने लगा। दसवीं शताब्दी तक यूरोप में लोग गाजर के विषय में नहीं जानते थे। लेकिन जब एशियाई यात्रियों ने यूरोप की और जाना शुरू किया तो यूरोप ने भी गाजर के साथ औषधीय प्रयोग किये। यूनानी चिकित्सकों ने गाजर की पत्तियों को कैंसर के इलाज में प्रयोग करने के उल्लेख मिलते हैं। प्राचीन रोमनों का विश्वास था कि गाजर और उसके बीज में कामेच्छा बढ़ाने की शक्ति है इसलिये रोमन बगीचों में इसे अवश्य पाया जाता था।
आयुर्वेद की दृष्टि से इसे स्वाद में मधुर, पाचक, दीपन, तीक्ष्ण, स्निग्ध, मधुर, तिक्त, उष्णवीर्य, स्नेहक, रक्तशोधक, ग्राही, कफ निस्सारक, वात-कफ पित्त नाशक, गर्भाशय रोग नाशक, मस्तिष्क और नाडिय़ों को बल देने वाला तथा नेत्र-ज्योति बढ़ाने वाला माना गया है। यह अग्निमांद्य, अर्श, रक्त विकार, उदर रोग, दाह, मूत्र कृच्छ, शोध, रक्तपित्त, कृशता आदि में फायदेमंद तथा अंधता निवारक है। गाजर काली, लाल, पीली, भूरी नारंगी आदि रंगों की होती है, परंतु काली गाजर सर्वश्रेष्ठ रहती है। गाजर छोटी, पतली, स्वादिष्ट और पौष्टिक गुणों से भरपूर रहती है। संकर किस्म की गाजर लम्बी व मोटी होती है, जो स्वाद व गुण में ज्यादा फायदेमंद नहीं रहती है। 
गाजर सुंदर पत्तियों वाले पार्सले परिवार की सदस्य है जिसमें, हरा धनिया, सौंफ, दिल और सेलेरी भी आते हैं। आजकल गाजर पीले, बैगनी, नारंगी और काले रंगों में मिलती है। लेकिन सबसे अधिक गाजरें नारंगी ही होती है।
लगभग 100 ग्राम गाजर में जल- 90.8 मिली., प्रोटीन- 0.6 ग्राम, चिकनाई- 0.3 ग्राम, खनिज लवण- 1.2 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट- 6.8 ग्राम. रेशा- 0.6 ग्राम, कैलोरी- 32 ग्राम, कैल्शियम- 50 मिलीग्रा., सोडियम- 63.5 मिलीग्रा., पोटेशियम- 10.0 मिलीग्रा., तांबा- 0.07 मिलीग्रा., सिलिकन- 2.5 मिलीग्रा., विटामिन ए (अन्तराष्ट्रीय इकाई)- 3150, थायोमिन- 0.07 मिलीग्रा., रिबोफ्लेविन- 0.02 मिलीग्रा., नाइसिन- 0.5 मिलीग्रा., विटामिन सी- 17 मिलीग्रा. पाया जाता है। इसमें पाए जाने वाले कैलशियम पैक्टैन नामक घुलनशील फाइबर में कालेस्ट्राल की मात्रा को नियंत्रित करने की शक्ति होती है। 

थेरगाथा
थेरगाथा एक बौद्ध गं्रंथ है। बौद्ध साहित्य के ये दो प्रसिद्ध ग्रंथ हैं।  थेरगाथा में उन बौद्ध-भिक्षुओं की उपलब्धियों का वर्णन है जिन्होंने परमपद प्राप्त किया।   इसमें बौद्ध संघ का सुंदर चित्रण मिलता है।
संघ में दीनों की कुटियों से निकले साधारण लोग भी थे और कपिलवस्तु, वैशाली, श्राबस्ती, राजगृह आदि के राजभवनों से निकले संपन्न लोग भी। परंतु संघ में वे सब समान थे। धन, बल और पद का कोई भेदभाव न था। वे सब तथागत की शरण में आकर आध्यात्मिक समता को प्राप्त हो चुके थे।
 

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