सामान्य ज्ञान
बीआरआईसी यानी ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की सामूहिक संस्था का नाम है। इस शब्द का पहली बार प्रयोग 2001 में गोल्डमैन शश ने किया था। ये चारों देश संयुक्त रूप से विश्व का एक-चौथाई क्षेत्र घेरते हैं और इनकी जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक है। इन देशों का सकल घरेलु उत्पाद 15.435 ट्रिलियन डॉलर है।
गोल्डमैन शश का तर्क था कि ब्राजील, रूस, चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक रूप से इतनी मजबूत हैं कि 2050 तक ये चारों अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक परिदृश्य पर हावी होगी। हालांकि शश का ये उद्देश्य कतई नहीं था कि ये चारों मुल्क राजनीतिक गठजोड़ कर किसी संगठन का निर्माण करें। शश का आकलन था कि भारत और चीन उत्पादित वस्तुओं और सर्विस के सबसे बड़े प्रदाता होंगे, वहीं ब्राजील और रूस कच्चे माल के सबसे बड़े उत्पादक हैं। ब्राजील जहां लौह अयस्कों की आपूर्ति में प्रथम है तो रूस तेल एवं प्राकृतिक गैस के मामले में शीर्ष पर है।
ब्रिक देशों की पहली आधिकारिक बैठक 16 जून, 2009 को रूस के येकेटिनबर्ग में हुई थी।
शुंग वंश
शुंग वंश लगभग 185 ई. पू. में पुष्यमित्र द्वारा स्थापित एक भारतीय शासक वंश था। इसने मौर्य वंश का स्थान लिया। मौर्य के अधीन एक सेनापति पुष्यमित्र ने एकसैन्य प्रदर्शन में अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ का वध कर शाही सत्ता की कमान संभाल ली। पुष्यमित्र ब्राह्ण थे, इसीलिए कहा जाता है कि उन्होंने बौद्धों पर अत्याचार किए, हालांकि उनके अधीनस्थ कई क्षेत्रों मेेंं बौद्ध धर्म फलता-फूलता रहा।
पुष्यमित्र के शासनकाल के अधिकांश पारंपरिक विवरण बाद की तिथियों के हैं। इनके अनुसार पुष्यमित्र का शासन पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना, बिहार) , अयोध्या (उत्तरप्रदेश में ), विदिशा (मध्यप्रदेश), नगरों और संभवत: जालंधर और शाकला (उत्तर-पश्चिम भारत तक फैला हुआ था।
राजपरिवार के राजकुमारों के माध्यम से प्रांतों पर शासन करने की मौर्य प्रणाली इस वंश में भी जारी रही। हालांकि कई क्षेत्र अब स्वतंत्र राज्य के रूप में अलग हो गए थे। पुष्यमित्र ने यवनों के खिलाफ बहुत से अभियान किए, जो इस काल में बैक्ट्रिया के पश्चिमोत्तर में विस्तार करने की कोशिश कर रहे थे।
पुष्यमित्र ने 36 वर्ष तक शासन किया। उसके बाद का शुंग इतिहास अनिश्चित है। उनके उत्तराधिकारी और संस्कृत के विख्यात नाटककार कालिदास के नाटक मालविकाग्निमित्रम के नायक अग्निमित्र के बारे में ठोस जानकारी नहीं है। पुराणों के अनुसार अग्निमित्र के क्रमिक उत्तराधिकारी इस प्रकार हैं - सुज्येष्ठ (सुज्येष्ठ), वसुमित्र,आंध्रक ( या भ्रदक) पुलिंदक, घोष, वज्रमित्र, भगवत और देवभूमि (देवभूति) थे।
यदि पुराणों के विवरण को माना जाए तो शुंग वंश का कुल शासन काल 112 वर्ष था जिसका लगभग 73 ई. पू. में अंत हुआ।