सामान्य ज्ञान
गुलाम को फूलों का राजा कहा जाता है। भारत में इस खूबसूरत फूल की खेती सदियों से की जा रही है। संस्कृत में इसे तरुणी, कर्णिका, शतपत्री, चारूकेशनर , हिन्दी में गुलाब, मराठी में गुलाब, गुजराती में गुलाब, बंगाली में गोलाप, तेलुगू में गुलाबा पुवु, फारसी में गुलसुर्ख, अरबी में जरंजवीन, अंग्रेजी में रोज और लैटिन में रोजासेंटीफोलिया कहा जाता है।
गुलाब केवल एक सजावटी पुष्प नहीं है। इससे कई रोगों का उपचार भी किया जाता है। इसकी प्रकृति ठंडी होती है। आयुर्वेद में गुलाब के गुणों की चर्चा अधिक इसलिए होती है क्योंकि इसके उपयोग से कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। यह वात - पित्त को नष्ट करता है। यह शरीर की जलन, अधिक प्यास और कब्ज को भी नष्ट करता है। गुलाब में विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है। यह शरीर की जलन, अधिक प्यास और कब्ज को भी नष्ट कर सकता है। गुलाब में गैलिक, टैनिक, ओलियम रोजी, एसिड्स , विटामिन सी और चेल पाया जाता है। नजला, सर्दी - जुकाम, को ठीक करने में यह लाभकारी है। इसके सेवन से हड्डियों के रोग भी ठीक होते हैं।