सामान्य ज्ञान
पिछले साल दुनिया को अलविदा गए दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला को 27 साल लंबी कैद से 11 फरवरी, 1990 में रिहाई मिली थी।
सत्ताइस साल के कारावास को अश्वेत नेता मंडेला ने अपनी जीवनी में देश से बाहर जाने की यात्रा बताया। अश्वेत लोगों के साथ रंगभेद और अमानवीय बर्ताव के खिलाफ मंडेला ने आवाज उठाई। उन्हें जून 1964 में राजद्रोह और साजिश के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई। इस कैद के 27 में से 18 साल मंडेला ने रोबेन आइलैंड जेल में बिताए। बाद में यह जेल स्वतंत्रता का प्रतीक बन गई। भले ही मंडेला एक राजनीतिक कैदी की हैसियत से जेल में गए, लेकिन वहां उनसे दूसरे कैदियों जैसा ही व्यवहार किया गया। उनसे 10 से 14 घंटे तक मेहनत कराई गई। पत्थर तुड़वाए गए और इसकी वजह से उनकी आंखें हमेशा के लिए खराब हो गईं।
अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और पैन अफ्रीकी कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध हटने के नौ दिन बाद 11 फरवरी 1990 को मंडेला को रिहाई मिली। वह जेल से बाहर अपनी पत्नी विली का हाथ थामे आए। चार महीने पहले उनके अन्य साथियों को रिहा किया जा चुका था, लेकिन मंडेला की रिहाई पर एक मत नहीं बन पा रहा था। इससे पहले रिहाई के कई सशर्त प्रस्ताव वह ठुकरा चुके थे।
10 मई 1994 को वे दक्षिण अफ्रीका के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति बने। अपने वादे के अनुसार उन्होंने 1999 में राष्ट्रपति पद छोड़ दिया और 1995 में स्थापित नेल्सन मंडेला चिंल्ड्रन्स फंड के लिए काम करने लगे। 5 दिसंबर 2013 को उनका देहांत हो गया।
रघुवंश
रघुवंश कालिदास रचित महाकाव्य है। इसमें उन्नीस सर्ग हैं जिनमें रघुकुल के इतिहास का वर्णन किया गया है।
महाराज रघु के प्रताप से उनके कुल का नाम रघुकुल पड़ा। रघुकुल में ही राम का जन्म हुआ था। रघुवंश के अनुसार दिलीप रघुकुल के प्रथम राजा थे जिनके पुत्र रघु द्वितीय राजा थे। उन्नीस सर्गों में कालिदास ने राजा दिलीप, उनके पुत्र रघु, रघु के पुत्र अज, अज के पुत्र दशरथ, दशरथ के पुत्र राम तथा राम के पुत्र लव और कुश के चरित्रों का वर्णन किया है। कुमार सम्भव और अभिज्ञान शाकुन्तलम् कालिदास की अन्य प्रमुख रचनाएं हैं।