सामान्य ज्ञान

अब्राहम लिंकन
12-Feb-2021 12:51 PM
अब्राहम लिंकन

अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जन्म  12 फरवरी,  1809 में  हुआ था। बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए अब्राहम लिंकन को बचपन से ही पढ़ाई लिखाई का शौक था। उन्होंने अपने बलबूते वकालत की पढ़ाई की। 20 साल तक वो गरीबों और बेबस लोगों के मुकदमे मुफ्त या बहुत ही कम दाम में लड़ते रहे। इस दौरान अमेरिका में होने वाले भेदभाव, सामाजिक अन्याय, उत्पीडऩ और दास प्रथा से वो ऐसे विचलित हुए कि उन्होंने पहले गृह युद्ध में सशस्त्र विद्रोह का रास्ता चुना और फिर राजनीति की राह पकड़ी।
छह फुट चार इंच की लंबी कद कांठी वाले लिंकन ने पहला स्थानीय चुनाव बुलंदी के साथ जीता। वो मेहनत और अच्छाई का ही नारा देकर दिल जीतते रहे। उन्होंने मुखर होकर दास प्रथा के खिलाफ आवाज उठायी।  1861 में अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने नस्लभेद के खिलाफ और मुखर ढंग से आवाज उठानी शुरू की। लिंकन ने अश्वेत अमेरिकियों को मतदान का अधिकार देने की वकालत की। अमेरिका को खड़ा करने के बावजूद वो लगातार कहते रहे कि मेहनत से कमाया एक डॉलर सडक़ पर मिले पांच डॉलरों से ज्यादा कीमती होता है।  15 अप्रैल 1865 को लिंकन को गोली मार दी गई, लेकिन विचारों की शक्ल में वो आज भी जीवित हैं।
 

श्रुति
श्रुति एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सुनकर सीखना। देववाणी पर आधारित हिन्दू पवित्र ग्रंथों का वर्ग, हिन्दू धर्म में सर्वाधिक आदरणीय पवित्र साहित्यिक रचनाएं, स्मृति (जिसे याद किया गया हो) के विपरीत श्रुति रचनाओं को दैवीवाणी माना जाता है, जिन्हें सांसारिक संतों द्वारा सुना एवं संप्रेषित किया गया।
 हालांकि श्रुति को ज्यादा प्रामाणिक माना जाता है, लेकिन व्यवहार में स्मृति पाठ आधुनिक हिन्दू धर्म में अधिक प्रभावशाली है। अवतरित ग्रंथों में चार वेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अर्थवेद (प्रारंभिक हिन्दू धर्म साहित्य), ब्राह्मïण (आनुष्ठïानिक ग्रंथ), आरण्यक (वन में रचित पुस्तक) तथा उपनिषद (वेदों पर दार्शनिक व्याख्या, जो अधिकतर परवर्ती भारतीय दर्शन की आधार बनी) शामिल है।

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