सामान्य ज्ञान
तीसरी शताब्दी में 14 फरवरी के दिन रोम में क्लाउडियस द्वितीय के शासन के दौरान वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ाया गया था। इसी के बाद से दुनिया में वैलेंटाइन्स डे के नाम इसे मनाया जाता है।
रोम में सम्राट क्लाउडियस के क्रूर शासन के दौरान कई अलोकप्रिय और खूनी अभियान चलाए गए। सम्राट को शक्तिशाली सेना को बनाए रखने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। क्लाउडियस को लगता था कि रोम के लोग अपनी पत्नी और परिवारों के साथ मजबूत लगाव होने की वजह से सेना में भर्ती नहीं हो रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए क्लाउडियस ने रोम में शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी। लेकिन पादरी वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेश को लोगों के साथ नाइंसाफी के तौर पर महसूस किया। सम्राट के आदेश को चुनौती देते हुए वैलेंटाइन चोरी छिपे युवा प्रेमी जोड़ों की शादी कराते थे। जब वैलेंटाइन के काम के बारे में क्लाउडियस को पता चला तो उसने पादरी की हत्या का आदेश जारी किया। वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया गया। अदालत ने वैलेंटाइन को मौत की सजा सुनाई।
14 फरवरी 270 को वैलेंटाइन को मौत की सजा दी गई। ऐसा भी कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने जेल में रहते हुए जेलर की बेटी को खत लिखा था, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था-तुम्हारा वैलेंटाइन। वैलेंटाइन के प्रेम के संदेश को आज भी लोग दुनिया में जिंदा रखे हुए हैं। वैलेंटाइन को इस महान सेवा के लिए संत की उपाधि दी गई। तब से लेकर हर साल दुनिया भर में 14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे के तौर पर मनाया जा रहा है। इस दिन लोग एक दूसरे को फूल, चॉकलेट और उपहार देकर अपने स्नेह का इजहार करते हैं।