सामान्य ज्ञान
कश्मीरी शाल तीन तरह के रेशे ऊन, पशमीना और शहतूत से बनाए जाते हैं। ऊन के शाल सस्ते होते हैं जबकि शहतूत के शाल बहुत मंहगे होते हैं। कशीदाकारी के काम के कारण ऊनी शाल बहुत मशहूर हैं जो कश्मीर की खूबी है।
शाल पर अनेक तरह की कशीदाकारी की जाती है। शाल की किनारी पर आमतौर पर पैनल के साथ-साथ सोजऩी या सुई का काम किया जाता है। सुई की कशीदाकारी भी बहुत मशहूर है। शाल की चौड़ाई की किसी भी तरफ चौड़े पैनल में सुई की कढ़ाई की जाती है अथवा शाल की पूरी सतह पर भी कढ़ाई की जाती है। आरी या हुक कशीदाकारी फूलों का बहुत जाना पहचाना डिजाइन है और यह बहुत महीन काम होता है।
पशमीना शाल बहुत मुलायम होते हैं और इनका धागा समुद्र की सतह से 14 हजार फीट ऊंचाई पर पाए जाने वाले साकिल के बालों से बनाया जाता है। हालांकि शुद्ध पशमीना बहुत कीमती होता है लेकिन कभी-कभी इसे सस्ता बनाने के लिए खरगोश के बालों को मिलाया जाता है। शहतूत के शाल को बहुत हल्का, मुलायम, गरम माना जाता है तथा यह इतना महीन होता है कि इसे अंगूठी से भी निकाला जा सकता है। इसलिए इससे रिंग शाल के नाम से भी जाना जाता है।