धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 29 दिसंबर। बेमौसम बारिश से सोसायटियों में धान खरीदी एवं खेत खलिहान में मिंजाई का काम ठप पड़ गया है, अचानक हुई बरसात ने कुम्हारों की मेहनत पर पानी फेर दिया। मौसम में आई इस तब्दली का असर सब्जी व दलहन-तिलहन फसलों पर तो पड़ेगा ही, असमय वर्षा से भीगे फड़ की वजह से धान खरीदी का काम अगले कुछ दिनों बंद रहने से किसानों को अपनी बारी का इंतजार और लंबा हो गया है।
मंगलवार को दिन भर धूप निकलने के बाद देर शाम में तेज़ हवा के साथ पानी शुरू हो गया, पूरी रात बरसने वाली बारिश बुधवार को भी रुक-रुककर होती रही।
बिन बुलाए मेहमान की तरह आ टपकी बरसात से निर्मित हालात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईंट व्यसायी सन्तोष प्रजापति ने बताया कि बेमौसम बारिश से र्इंट भ_ा व्यवसायियों को बेहद नुकसान हुआ है। मैदान में तैयार कच्ची ईंट पानी में घुल गई। उन्होंने बताया कि ईंट का धन्धा पिछले दो सालों में कारोना काल की वजह से बहुत प्रभावित हुआ है।
भांठागांव समिति अध्यक्ष निर्मल चन्द्राकर, कुरुद सोसायटी के रमाकांत सेन ने बताया कि धान का उठाव नियमित रूप से हो रहा है इस लिए ज़्यादा टेंशन नहीं है, स्टेक में लगे पतले धान को कव्हर कर दिया गया था, रोजमर्रा के कुछ धान गीला हुआ है जिसका बारदाना बदला जा रहा है, कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि क्षेत्र में बेमौसम बारिश से सरकारी धान को कोई नुक़सान नहीं हुआ है।
ग्राम मोंगरा के किसान अम्बेद, जिवराखन, बीरसिंग साहू ने बताया कि कटाई के बाद कुछ धान अभी भी खेत खलिहान में रखा है जिसमें पानी पडऩे से नुकसान होगा, खेतों में बोई गई दलहन तिलहन की फसल को अधिक क्षति होगी।
कुहकुहा के सब्जी उत्पादक कुलेश्वर,डिगेश निर्मलकर ने बताया कि तेज़ हवा पानी ने बाड़ी में लगी गोभी, टमाटर, करेला एवं पत्तेदार सब्जियों को नुक्सान पहुंचाने का काम किया है। बाहरहाल बेवक्त की बरसात ने विद्युत विभाग की भी पोल खोल दी, मंगलवार रात कई घंटे तक बिजली गुल रही अगले रोज भी बिजली का आना-जाना लगा रहा ।