धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 25 जून। शासन ने 10 जून से 15 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी रेत खदानों में उत्खनन पर रोक लगा दिया है, लेकिन कुरुद क्षेत्र में महानदी से रातभर रेत निकाली जा रही है। इस मामले में एसडीएम श्री कृपाल का कहना है कि प्रतिबंधित अवधि में कुछ खदानों में रेत उत्खनन हो रहा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है, जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि गत वर्ष की भांति इस बार भी भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए 9 जून को संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के सभी उपसंचालक खनिज अधिकारी सहायक खनिज अधिकारी एवं जिला खनिज अफसरों को आदेश जारी कर कहा है कि वर्षाकाल में 10 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। फिर भी महानदी के कई घाटों से रात में रेत उत्खनन जारी है।
एनजीटी के नियमों को दरकिनार कर रेत खनन करने वालों को पर्यावरण की बिगड़ती सेहत से कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं जब कम दाम में ताज़ी रेत खदानों से मिल रही है तो डंप करने वालों को कौन भाव देगा।
पिछले बरस विपक्ष और सत्ता पक्ष से जुड़े कई लोगों ने इधर-उधर से एप्रोच लगा कर रेत भंडारण की अनुमति ले ली थी, शार्टकट में धन कमाने के चक्कर में लाखों की लागत लगा खेत खलिहान और मैदान में हजारों घनफीट रेत जमा कर ली गई, लेकिन पिछले एक साल से भंडारणकर्ता डंपिंग ग्राउंड से रेत बिकने का इंतजार कर रहे हैं।
सत्यम, दिवाकर, राधेश्याम, अनुराग, अश्विन, प्रमोद, हरि, आशीष आदि का कहना है कि खनिज विभाग में लाखों रुपए जमा करा डंपिंग की अनुमति लेकर अलग-अलग स्थानों में रेत का भंडारण किया गया है, लेकिन पिछले साल भी प्रतिबंधित अविधि में नदी से रेत निकाली गई, जिससे उनकी रेत का उठाव नहीं हो पाया। कमोबेश इस बार भी अब तक यही स्थिति है।
बताया गया कि महानदी के दोनर, चारभाठा, नारी, गुदगुदा, भोथा, हरदी, मंदरौद की घाट से डंपिंग की आड़ में रेत उत्खनन किया जा रहा है।