धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 29 जून। बारिश की फुहार पड़ते ही जंगलों से सराई बोड़ा बाजारों तक पहुंचने लगा है। नया होने की वजह से अभी दो सौ में एक पाव बिक रहा है। दाम की परवाह न कर शौकिन लोग साल में एक बार मिलना वाला बोड़ा बड़े चाव से खरीद रहे हैं।
कुरुद के साप्ताहिक बाजार मंगलवार को इस साल का पहला सराई बोड़ा बिकने आया था। जानकार बताते हैं कि यह एक तरह का मशरुम ही है जो सराई,साल प्रजाति के वृक्षों की जड़ों से बरसात के पानी से पैदा होतें हैं। कुछ लोग इसे औषधि गुण से परिपूर्ण बताते हैं। वजह चाहे जो हो पर छत्तीसगढ़ में बोड़ा खाने के शौकीनों की तादाद कम नहीं है। महंगी सब्जी में शुमार होने के बावजूद बाजार में खरीदारों की भीड़ नजर आती है। कुरूद क्षेत्र में बस्तर, कांकेर के अलावा धमतरी जिला के पूर्वी हिस्से नगरी मगरलोड के जंगलों से बिकने आता है।
बस्तर जिले से बोड़ा बेचने के लिए कुरुद बाजार पहुंचे कमलेश ने बताया कि बड़े शहरों में इसका दाम हजार से 15 सौ रुपए किलो तक में बिक रहा है । मांसाहार से भी महंगी यह सब्जी मानसून के शुरुआती दिनों में ही निकलती है । लोग साल भर इस सब्जी का इंतजार करते हैं । जून और जुलाई के महीने में बोड़ा की सबसे ज्यादा पैदावार होती है । बारिश और उमस का मौसम बोड़ा के उगने के लिए अनुकूल माना जाता है । कुछ दिनों में आवक बढऩे से दाम घटकर 800 रुपये प्रति किलो तक हो गया हैं।