धमतरी
आरक्षण के लिए सडक़ पर उतरे हजारों आदिवासी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 19 अक्टूबर। सर्व आदिवासी समाज के हजारों लोगों ने सडक़ पर उतर कर अपना संवैधानिक अधिकार मांगा। साथ ही समाज प्रमुखों ने सत्ता पक्ष को चेताया कि हमें छेड़ा तो सरकार बचाना मुश्किल होगा।
संविधान से मिले 32 फीसदी आरक्षण को यथावत रखने एवं अन्य मांगों के समर्थन में आदिवासी समाज ने 18 अक्टूबर को कुरुद में धरना प्रदर्शन, आक्रोश रैली एवं चक्काजाम कर सरकार को समाज की नाराजग़ी से अवगत कराया। पुराना मंडी परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया।
समाज प्रमुख अकबर कोर्राम, कमलेश ठाकुर आदि ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय आरक्षण के लिए संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लडक़र जनसंख्या के हिसाब से 32 फीसदी आरक्षण प्राप्त किया था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार कोर्ट में मजबूती एवं प्रमाणिक ढंग से अपना पक्ष रखने में नाकाम रही और न्यायालय ने 20 फीसदी आरक्षण कर दिया। जिससे सर्व आदिवासी समाज आंदोलित है।
इसके बाद हजारों लोग रैली की शक्ल में हाथों में तख्ती लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते पुराना बाजार, सरोजिनी चौक, कारगिल चौक, बस स्टैंड होते हुए नेशनल हाईवे में जाकर बैठ गए। करीब एक घंटे तक इस मार्ग पर यातायात बाधित रहा। हालांकि प्रशासन ने इसके लिए पहले से रुट डायवर्ट कर दिया था जिसके चलते जाम की स्थिति नहीं बनी।
मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मुख्य सचिव के नाम का ज्ञापन तहसीलदार को सौंप आंदोलन समाप्त किया गया। दूर दराज के गांवों से आए हजारों लोगों की भीड़ होने के बावजूद आंदोलन शांति पूर्वक रहा जिसके लिए आदिवासी समाज के युवा संतोष सोरी, टीकम कटरिया, रमेशर ध्रुव, दीपक सोरी, झागेश्वर ध्रुव, ठाकुर राम, पालसिंग ध्रुव, एवं सुग्रीव नेताम, बसंत ध्रुव, काशीराम कंवर, होमन सिंह, भूपेंद्र नागरची, सुजीत छेदैया, पोखराज नेताम, तेजराम छेदैया, हरिश्चंद्र मंडावी, किशन ,परमेश्वर, योगेश ,जनक, कुलेश्वर कंडरा, घनश्याम, बोधन ध्रुव, कुलंजन मंडावी, कमलेश, जन्मेजय ध्रुव ,शत्रुहन नगरची, भरोसा पटौडी, सावित्री ध्रुव ,कुंज बाई, तुमेश्वरी, हितेश, गंगाबाई, झम्मन ध्रुव, ममता छेदैया, विशाखा ध्रुव आदि का योगदान सराहनीय रहा।