धमतरी
25 दिनों से चल रहा है अनिश्चितकालीन धरना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 21 अक्टूबर। कोलियरी से लेकर खरेंगा, दोनर जोरा तराई मार्ग के निर्माण तथा चौड़ीकरण के लिए 25 दिनों से दर्री के चौक में धरना जारी है। पिछले दिनों स्टेट हाईवे नगरी सिहावा रोड कोलियारी चौक पर चक्का जाम किया गया था, लेकिन सडक़ निर्माण की दिशा में कोई ठोस पहल शासन-प्रशासन द्वारा नहीं किया। नदी तटीय ग्राम वासियों का सब्र का बांध टूट रहा है, ऐसी परिस्थिति में सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगा कर जनहित में त्वरित कार्य की मांग को लेकर फिर ग्रामवासी आंदोलन का विस्तार करते हुए गांधी चौक में सत्याग्रह तथा महाधरना की तैयारी प्रारंभ कर दिए हैं।
आंदोलन की संयोजक दर्री की सरपंच गीतेश्वरी साहू ने बताया कि सडक़ की दुर्दशा पर ग्रामीणों का दर्द से मुंह मोड़ रहे। सरकार के जिम्मेदार लोग अब आम जनता के सब्र की परीक्षा न ले। नहीं तो आने वाले समय में शासन प्रशासन तथा जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुखर होकर लोकतांत्रिक पद्धति से जन आंदोलन करने के लिए हम बाध्य होंगे। जिसकी संपूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन धमतरी की होगी।
इन गांव के लोग आंदोलन में शामिल
कोलियारी, कानीडबरी, अमेठी, कलातराई, बंजारी, परसुली, दर्री, खरेंगा, भरारी सारंगपुरी, देवपुर, ढीमर टुकर, नवागांव, दोनर, सेमरा, बारना, सिवनी खुर्द, सिवनी बाजार, जोरातराई, सेलदीप, मंदरौद, झुरा, नवागांव के ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए हैं।
ऐसे चल रहा आंदोलन
27 सितंबर को रात 8.30 बजे से ढीमर टिकुर से सेलदीप तक के लोग दोनर के पास और देवपुर से कोलियारी तक के दर्री के पास भारी वाहनों की निगरानी किए। धरने में उपस्थिति के लिए कार्ययोजना बनाई है। सडक़ समिति के सर्वसम्मति से लिए निर्णय अनुसार प्रत्येक गांव से 3-3 वार्ड से प्रत्येक घर से एक सदस्य धरना स्थल में उपस्थिति देंगे। इसके लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण समिति के कार्यकारणी आवश्यक पहल करेंगे।
10 लोगों की जा चुकी जान
दिन-रात रेत परिवहन में लगे हाइवा वाहनों के चलते सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं। बीते 5 सालों में इस मार्ग में सडक़ हादसे में 10 लोगों की जान चली गई हैं। ग्रामीण हीरेंद्र साहू, हेमंत चंद्राकर, रामखिलावन चन्द्राकर ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इस सडक़ निर्माण की घोषणा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एनजीटी के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर तक रेत निकासी बंद है, इसके बावजूद कोलियारी से जोरातराई तक जगह-जगह नदी से अवैध रूप से रेत की निकासी की जा रही हैं। इसके चलते ही नदीय तटीय गांवों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है।
20 साल से चल रही मांग
कोलियरी ,खरेंगा ,दोनर, जोरातराई सडक़ की जर्जर अवस्था को देखते हुए इसे नए सिरे से बनाने व चौड़ीकरण की मांग करीब 20 से अधिक गांव के लोग कर रहे हैं। बीते 20 सालों से यह मांग चल रही है। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही इसके लिए आंदोलन कर चुके हैं। अब गांवों के लोगों ने गैर राजनीतिक आंदोलन शुरू किया है। लगातार धरना प्रदर्शन कर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। दोनों दलों ने की राजनीति, सडक़ नहीं बनी सडक़ को बनवाने के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा आंदोलन कर चुके हैं भाजपा शासन काल में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2018 में कांग्रेस पदाधिकारियों ने आंदोलन किया। पदयात्रा भी निकाली।
कांग्रेस की सरकार आई तो पट्टा बांटने आए सीएम ने 2020 में कोलियारी से जोरातराई तक सडक़ बनाने की स्वीकृति कराने का भरोसा दिया। स्वीकृत कराई। 1 जनवरी 2021 में एडीबी प्रोजेक्ट में शामिल किया। इसी साल भाजपा युवा मोर्चा ने सडक़ बनवाने के लिए आंदोलन किया। कोलियारी चौक पर चक्काजाम किया। कोलियारी से जोरातराई सडक़ बनवाने खूब राजनीति हो रही है।