महासमुन्द

10 लोगों को नौकरी से असंतुष्ट कमार भुजिया अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में
15-Apr-2023 2:46 PM
10 लोगों को नौकरी से असंतुष्ट कमार भुजिया अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में

महासमुंद से 60 किमी पैदल चलकर पात्र 176 युवाओं को नौकरी देने की मांग रखी थी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,15 अप्रैल।
नौकरी देने की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कमार-भुजिया वर्ग के 10 युवाओं को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति आदेश का महासमुंद से 60 किमी पैदल चलकर रायपुर गए कमार भुंजिया वर्ग ने विरोध कर दिया है। उन्होंने सभी पात्र 176 युवाओं को नौकरी देने की मांग रखी है। कल 10 लोगों को नौकरी की बात पर नाराज होकर सभी पैदल ही वापस महासमुंद के लिए निकल पड़े। करीब 15 किमी चलने के बाद किसी विभाग द्वारा उपलब्ध बस से रात करीब 9 बजे वे महासमुंद पहुंचे।

मालूम हो कि अपने वर्ग के पात्र 176 युवाओं को सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए कई दिनों से कमार भुजिया जिला मुख्यालय में धरनारत रहे। बीते 12 अप्रैल को सभी सपिरवार पैदल ही मुख्यमंत्री से मिलने निकले और दूसरे दिन राजधानी पहुंचे। वहां 13 अप्रैल को जगदलपुर प्रवास पर होने के कारण उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई, तब तक करीब 100-150 की संख्या में गोंडवाना समाज के लोग रायपुर पहुंच चुके थे। सभी लोग गोंडवाना समाज भवन रायपुर गए और वहीं रात विश्राम किया।
कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के लिए उन्हें समय मिला था। गुरूवार रात तक गरियाबंद से भी इस वर्ग के लोग गोंडवाना भवन पहुंच चुके थे। कमार-भुजिया वर्ग के सभी एकत्र लोग कल मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले और उन्होंने जनजाति के शिक्षित पात्र युवाओं को सरकारी नियुक्ति देने का अनुरोध किया।

इस मौके पर संसदीय सचिव व विधायक विनोद चंद्राकर ने भी नियुक्ति देने की मुख्यमंत्री से पहल की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर महासमुंद ने संबंधित विभाग में रिक्त पदों पर कमार-भुजिया वर्ग के पात्र युवाओं को तत्काल नियुक्ति आदेश जारी करने कहा।
सहायक आयुक्त आदिमजाति विकास और जिला शिक्षा अधिकारी ने कुल 10 शिक्षित पात्र युवाओं को नियमित चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति आदेश जारी कर दिया है। इनमें तीन महिला और 7 युवक शामिल हंै। तीनों महिलाओं को आदिवासी विकास विभाग और 7 पुरुषों की शिक्षा विभाग में नियुक्ति की गई है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इन सभी नियुक्त लोगों को नियुक्त किए गए विभाग में 10 दिवस के भीतर उपस्थित देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों की नियुक्ति कर दी जाएगी। विशेष पिछड़ी जनजाति के शिक्षित पात्र युवाओं को योग्यता अनुसार शासकीय विभागों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों परे नियुक्ति की प्रक्रिया पहले से शुरू की गयी थी।

मालूम हो कि महासमुंद से पदयात्रा करते हुये कमार भुजिया आदिवासी रायपुर पहुंचे थे। कल मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी मुलाकात हुई। संसदीय सचिव व महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर भी वहां पहुंचे। चर्चा में उनकी तरफ  से कहा गया कि आरक्षण का पेंच फंसा होने के कारण फिलहाल 10 युवकों को नियुक्ति दी जा रही है। समाज के लोगों ने इस पर कहा कि आरक्षण का पेंच है तो 10 युवकों को नियुक्ति क्यों दी जा रही है? इसके बाद समाज के लोग नाराज होकर निकल आए। बाद में गोंडवाना भवन में गरियाबंद और महासमुंद के कमार भुजिया जनों की बैठक हुई। बैठक में प्रस्ताव नियुक्ति की मांग को लेकर उच्च न्यायालय जाने का निर्णय लिया गया है।

जनजातीय भुजिया समाज महासमुंद के अध्यक्ष कौशल नेताम ने बताया है कि गोंडवाना भवन से महासमुंद और गरियाबंद से आए कमार और भुजिया वर्ग के लोग बड़ी संख्या में सीएम हाउस पैदल ही पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासमुंद जिले के कमार, भुजिया समाज के सभी पात्र 176 युवकों को पात्रतानुसार मिल नौकरी देने की मांग पर 10 युवकों को तत्काल नियुक्ति आदेश जारी करने कहा। लेकिन समाज इससे संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों में सभी पात्र युवकों की नियुक्ति हो रही है। महासमुंद में क्यों नहीं? समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि हमारे जिले से तृतीय श्रेणी के लिए 96 तथा चतुर्थ श्रेणी के लिए 80 कुल 176 युवा नौकरी के पात्र हैं।

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