महासमुन्द

भुइयां पोर्टल बना सिर दर्द: कहीं जमीन का रकबा जीरो, कहीं नक्शा नहीं निकलता, डिजिटल सिग्नेचर वाला बी-वन नहीं निकल रहा
09-Jul-2023 3:03 PM
भुइयां पोर्टल बना सिर दर्द: कहीं जमीन का रकबा जीरो, कहीं नक्शा नहीं निकलता, डिजिटल सिग्नेचर वाला बी-वन नहीं निकल रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 9 जुलाई।
इन दिनों भुइयां पोर्टल पटवारी व किसानों के लिए सिर दर्द बना हुआ है। तकनीकी खराबी के कारण पटवारी व किसान पिछले कई दिनों से परेशान हैं। वहीं पोर्टल की तकनीकी परेशानी को दूर करने शासन व प्रशासन सफल नहीं दिख रहा है। हर बार पोर्टल के कारण किसानों व आमजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पटवारी भी परेशान रहते हैं। 

आक्रोशित किसान पटवारी कार्यालय आकर अपना गुस्सा पटवारियों के सामने निकाल रहे हैं। होता यह है कि पटवारी किसानों को पोर्टल की तकनीकी खराबी बताते हैं। लेकिन किसान समझने का नाम ही नहीं लेते हैं और अपना गुस्सा उतारकर चले जाते हैं। 

मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से जिले में भुइयां पोर्टल में तकनीकी खराबी आने के कारण पटवारी का डिजिटल सिग्नेचर वाला बी.वन डाउनलोड नहीं हो रहा है। किसान च्वॉइस सेंटर डाउनलोड कराने पहुंच रहे हैं तो बिना सिग्नेचर वाला बी.वन मिल रहा है। इस समस्या से कारण किसान व पटवारी पिछले सप्ताहभर से परेशान हैं। किसानों को लोन व अन्य कार्यों में डिजिटल सिग्नेचर की जरूरत है, लेकिन नहीं मिलने के कारण किसानों का काम प्रभावित हो रहा है।

किसानों के मुताबिक पोर्टल में तकनीकी खराबी के साथ साथ कई तरह की खामी सामने आती है। कभी जमीन का रकबा जीरो हो जाता है तो कभी नक्शा नहीं निकलता है। किसान व कर्मचारी आए दिन परेशान रहते हैं। वर्तमान में डिजिटल सिग्नेचर वाला बी-वन नहीं निकल रहा है। इसके अलावा नक्शा निकालने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में गिरदावरी का काम भी चल रहा है।

किसानों के मुताबिक गांवों के च्वॉइस सेंटर में जमीन का ऑनलाइन बी-वन निकालने जाने पर वहां से बी.वन बिना डिजिटल सिग्नेचर वाला डाउनलोड हो रहा है। जबकि डिजिटल सिग्नेचर वाला ही बी-वन ही काम आता है। डिजिटल सिग्नेचर वाला बी-वन डाउन लोड नहीं हो रहा है। पटवारी के पास जा रहे है तो सिग्नेचर हो गया है कहते हैं। खेती किसानी के समय ऋण लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस तरह परेशानियों का सामना किसान और पटवारी दोनों कर रहे हैं और दोनों ही परेशान है। पटवारियों का कहना है कि वे समस्या को बता-बता कर थक गए, लेकिन किसान फ ाल्ट को समझ नहीं पा रहे हैं। जबकि किसानों का कहना है कि यदि ऐसे फाल्ट आए दिन आता है तो इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी करें ताकि किसान अपनी समस्या को बता सकें और फाल्ट को जल्द से जल्द सुधरवाने में की मांग कर सकें।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news