महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 जुलाई। शासन-प्रशासन कहती है कि बरसात में नदियों से रेत निकालने की मनाही है। लेकिन रेत जिले के रेत घाटों से बेखौफ रेत निकालने का काम जारी है। जिले के रेत घाटों में खनन बंद होने का दावा जरूर किया जा रहा है, लेकिन ये केवल कागजों तक ही सीमित हैं। महासमुंद जिले में एनजीटी के नियम को दरकिनार किया जा रहा है। आज भी दिन रात रेत घाटों से माफिया रेत निकाल रहे हैं। चंद रुपए के लालच में रेत माफिया व ट्रैक्टर चालक अपनी जान जोखिम में डालकर नदी के बीच पहुंचकर रेत का खनन कर अवैध परिवहन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि एनजीटी ने बारिश के सीजन को देखते हुए 10 जून से अक्टूबर तक नदी में रेत उत्खनन पर पाबंदी लगा दी है। लेकिन उत्खनन का काम जारी है। महानदी से लगे गांवों की गलियों से गुजरकर रेत के वाहन दिन रात दौड़ रहे हैं।
ग्रामीणों की मानें तो खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं। विभागीय जानकारी अनुसार जिले में 14 से अधिक रेत घाट हैं। इसमें से मात्र 1 रेत घाट चिंगरौद वैध है। इसके अलावा 13 रेत घाटों की नीलामी की अवधि समाप्त हो गई है। इन रेत घाटों की नीलामी बारिश के बाद ही होगी।
जिला खनिज अधिकारी उमेश भार्गव के मुताबिक रेत के अवैध खनन पर कार्रवाई जारी है। अवैध परिवहन पर भी टीम कार्रवाई कर रही है। जहां डंपिंग के लिए अनुमति दी गई है, वहीं से रेत परिवहन पर कार्रवाई नहीं हो रही है, लेकिन कागजात नहीं दिखाने वाले चालकों पर कार्रवाई की जा रही है।