धमतरी

आदिवासी राष्ट्रपति- राज्यपाल होते हुए भी मणिपुर में आदिवासी सुरक्षित नहीं-मरई
02-Aug-2023 7:48 PM
आदिवासी राष्ट्रपति- राज्यपाल होते हुए भी मणिपुर में आदिवासी सुरक्षित नहीं-मरई

कुरुद, 2 अगस्त। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री पर और राज्यपाल मुख्यमंत्री पर एक्शन ले सकते हैं, लेकिन मणिपुर में तीन महीने से जारी जघन्य हिंसा पर सब चुप्पी साधे बैठे हैं, जबकि राष्ट्रपति और राज्यपाल पीडि़त कौम से ताल्लुक रखते हैं, और दोनों महिला भी हैं, इन पदों की निंदा तो नहीं की जाती, लेकिन आग्रह तो किया ही जा सकता है। उपरोक्त बातें सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने कही है।  

धमतरी जिला सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए मणिपुर में जारी नस्लीय हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन महीने से वहां आदिवासी समूह को निशाना बनाया जा रहा है। हत्याएं और बलात्कार की घटनाएं हो रही है, लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाकर राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया ? इसे देख कर लगता है कि इस मामले में राष्ट्रपति राज्यपाल वर्सेस प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री का खेल चल रहा है।  उन्होंने कहा है कि इन घटनाओं के पहले राष्ट्रपति को जगन्नाथ मंदिर ले जाकर गर्भगृह में उन्हें प्रवेश न देकर उनकी परीक्षा ले ली गई थी, वो तब चुप रही तो अब क्या बोलेंगी। 

आदिवासी नेता श्री मरई ने कहा है कि राष्ट्रपति का अधिकार है कि वह मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं, राज्यपाल रिपोर्ट भेज कर इसकी अनुशंसा कर सकती हैं। लेकिन तीन महीने से मणिपुर जल रहा है, अपनी आंखों से वहां मानवता को तार-तार होते देखने के बावजूद आदिवासी समाज की महिला राष्ट्रपति और राज्यपाल कोई एक्शन नहीं ले पा रही हैं, ऐसी क्या मजबूरी है? 

श्री मरई का कहना है कि इस मामले में केंद्र सरकार की बेफिक्री देख लगता है कि उन्हें ईवीएम पर कुछ ज्यादा ही भरोसा है, इसलिए वे जनमत की परवाह नहीं कर रहे हैं।

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