धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 3 अगस्त। किसी भी राज्य की पहचान में वहाँ की संस्कृति, रहन-सहन के साथ खेल का नाम भी शामिल रहता है। जैसे हरियाणा की पहचान कुश्ती, मुंबई की क्रिकेट, बंगाल की फुटबॉल, इसी तरह छत्तीसगढ़ भी अपने पारंपरिक खेल कबड्डी, खो-खो से पहचान बना सकता है। उक्त बातें कांग्रेसी नेत्री तारिणी चन्द्राकर ने जोन स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के समापन समारोह में कही।
कुरुद विधानसभा अंतर्गत अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्राम अरौद—मेघा में आयोजित छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल जिला पंचायत सभापति तारिणी नीलम चन्द्राकर ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सरकार का यह वाक्य खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, खिलाडिय़ों के उत्साह में झलक रहा है। इन खेलों के माध्यम से नए छत्तीसगढ़ का सृजन हो रहा है।।
दुरदर्शी सोच रखने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक खेलो को बढ़ावा देने और उत्तम स्वास्थ्य हेतु छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक कि शुरुआत की। जोन स्तरीय स्पर्धा के विजेता खिलाड़ी आगे जाकर क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे, जो जीतने से चुक गए वे स्वस्थ शरीर को आधार बनाकर संतुष्ट रहे, क्योंकि खेल सिर्फ जीतने के लिए नही खेला जाता उत्तम स्वास्थ्य ही खेल का आधार है। श्रीमती चन्द्राकर ने सभी पालकों से कहा कि अपने बच्चों को मोबाइल से दूर कर खेल के प्रति उनका रुझान बढ़ाएं।
इस अवसर पर सरपंच रुखमणी साहू, पुरुषोत्तम साहू, साधुराम साहू, उमेश कुमार, नवदीप साहू, अश्वनी शर्मा, चन्द्रहास,भारत यादव, रोशन साहू, आत्माराम, तुषार साहू, डोमन यादव, यशोदा नगारची, किरण साहू, पार्वती, हेमलता साहू, दुर्गेश शर्मा, भगवती, विद्या यादव, सहित बोडरा, कमरौद, भरदा, परसवानी, मेघा, गिरौद, सौंगा पंचायत के राजीव युवा मितान क्लब सदस्य, पंच-सरपंच एवं ग्रामीण उपस्थित थे।