बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 सितंबर। शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने ध्यान से ज्ञापन पढ़े, एसोसिएशन की पूरी बातें सुने और बहुत सी मांगो पर विचार कर पूरा करने का दिया आश्वासन भी दिया। शिक्षा मंत्री में कहा 3 साल की मान्यता प्रदान करना तो एक मिनट का काम है। इस अवसर पर एसोसिएशन के संरक्षक दीपक अरोरा, प्रकाश जैन, अविनाश तिवारी, अध्यक्ष डॉ. अवधेश पटेल, सचिव रामकुमार भारती और बहुत से संचालक ने निजी विद्यालयों के हित में ज्ञापन सौंपे।
प्रदेश के अशासकीय स्कूलों की मांगे
पिछले 12 वर्षों से आर.टी.ई. की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आर.टी.ई. की राशि प्राथमिक कक्षाओं में 7 हजार से बढक़र 15 हजार, माध्यमिक की 11,500 से बढ़ाकर 18 हजार एवं हाई और हायर सेकंडरी की अधिकतम सीमा को 15 से बढ़ाकर 25 हजार तक किया जाए।
अशासकीय विद्यालयों को प्रदेश स्तर पर तीन वर्ष की मान्यता प्रदान किया जाए। बसों की अवधि जो छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है और देश के अधिकांश राज्यों में यह अवधि 15 वर्ष है। बसों की अवधि छत्तीसगढ़ में भी 15 वर्ष किया जाना चाहिए। निजी स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए। आर.टी.ई. की रुकी हुई प्रतिपूर्ति राशि को अविलंब स्कूलों के खाते में हस्तांतरित किया जाए। निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।
गणवेश की राशि 540 रुपए से बढक़र 2000 की जाए। निजी विद्यालय में अध्ययनरत एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए। निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाये,जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को किया जाता है।
उपरोक्त मांगों पर तुरंत संज्ञान लेकर पूरा नहीं किया गया तों छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने आंदोलन का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया है और आगामी 14 सितम्बर को प्रदेश के सभी स्कूल बंद रख राजधानी में प्रदर्शन किया जाएगा।