बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 सितंबर। कई दिनों बाद बुधवार रात से गुरूवार दिन भर रुक-रुक कर हुई। बारिश ने फसलों में जान डाल दी। जलभराव होने के कारण लोगों को दिक्कत हुई लेकिन यह बरसात फसलों के लिए वरदान साबित हुई है। काफी दिनों से ठीक से बारिश न होने, तेज धूप की तपिश से खरीफ सीजन की फसलें सूख रही थीं। अब इस बारिश से सूखती फसलों को अमृत की तरह जीवनदान मिल गया है।
पिछले करीब एक माह से ठीक से बारिश न होने से फ सलें सूखने लगी थीं। कम बारिश से फसलों के पौधों का विकास प्रभावित हो गया था। किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए पंपिंग सेटों से सिंचाई करनी पड़ रही थी। औसत से कम बारिश होने से फसलों का विकास प्रभावित होने से किसान परेशान थे।
क्षेत्र में बुधवार की रात में अचानक बारिश होने से किसानों के उम्मीदें फिर बढ़ गईं। एक बार फिर झमाझम बारिश होने से सूखती फसलों को जीवनदान मिल गया। किसानों को इस बारिश से काफी राहत मिली है। अभी तक किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए निजी संसाधनों से सिंचाई करने में परेशान थे। बारिश से सूखती फसलों में न सिर्फ जान आ गई है बल्कि किसानों की एक बार फिर अपनी खेती किसानी से उम्मीद जुड़ गई है। किसानों का कहना है कि कम बारिश से फसलों के उपज के उत्पादन पर असर पड़ेगा।
गर्मी से मिली राहत
पिछले कई दिनों से तेज धूप होने से आसमान से आग बरस रही थी। लोगों को गर्मी और उस पर तेज धूप लोगों को झुलसा रही थी। लेकिन बुधवार की रात व गुरूवार को दिन में बारिश होने से मौसम में नर्मी आ गई है। गर्मी से लोगों को काफी राहत मिल गई है। आसमान पर लगातार बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर बारिश से मौसम खुशगवार बन गया है।
रबी सीजन की नींव पड़ी
सितंबर माह में अच्छी बारिश होने को रबी सीजन की नींव मानी जाती है। अक्टूबर माह में सरसो की बोवाई की जाती है और गन्ने की बोवाई भी शुरू हो जाती है। शीतकालीन गन्ने की बोवाई के लिए खेत में नमी की जरूरत होती है। इस बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी हो गई है। इससे खाली खेत में किसानी शुरू हो जाएगी। साथ ही रबी सीजन की अन्य फसलों के लिए भी किसान खेत को तैयार कर सकेंगे।