बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 जनवरी। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान का सपना संजोए, हजारों गरीब परिवार शासन से फंड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की हालत खराब है। आलम यह है कि बीते सत्र में जिले में स्वीकृत 1600 आवास हितग्राहियों में से एक हजार से अधिक हितग्राहियों को चौथी किस्त जारी नहीं हुई है।
इसी प्रकार विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश सरकार की ओर शुरू की गई मुख्यमंत्री आवास योजना के 2 हजार से अधिक हितग्राहियों को पहली किस्त जारी हुए तीन माह से अधिक समय बीत जाने बावजूद दूसरी किस्त जारी नहीं हो रही है। कांग्रेस सरकार की इस योजना में प्रोत्साहन राशि भुगतान के संबंध में अधिकारी संतोषजनक जवाब देने की स्थिति में नहीं है। सारा मामला शासन पर डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
किश्त मिलने की उम्मीद में मकान तोड़ चुके परिवारों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। किराए के मकान में रहने से अतिरिक्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं एक साल पहले स्वीकृत करीब 1600 आवास में अब तक सिर्फ 34 प्रतिशत आवासों का निर्माण पूर्ण हो पाया है। गौरतलब हो कि बीते 6 साल में योजना अंतर्गत जिले में 32 हजार 740 आवास स्वीकृत हुए हैं।
हितग्राही को चार किस्तों में जारी होती है प्रोत्साहन राशि
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की योजना है। इसमें राशि का 40 प्रतिशत राज्य सरकार और 60 प्रतिशत राशि का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है। जानकारी के अनुसार हितग्राही को 1 लाख 20 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि 4 किस्तों में जारी की जाती है। वहीं 90 दिनों की मनरेगा मजदूरी तय दर के हिसाब से मजदूर के बैंक खाते में जमा कराई जाती है। पहली किस्त की स्वीकृति मिलने पर 25 हजार रूपए, दूसरी किस्त दीवार स्तर पर 40 हजार, तीसरी किश्त छत लेवल पर 40 हजार, आखिरी किश्त 15 हजार रूपए आवास का निर्माण पूर्ण होने पर दी जाती है।
6 साल में स्वीकृत 32 हजार
आवास में से 14 हजार हितग्राहियों को चौथी किस्त जारी नहीं
योजना शुरुआत से लेकर अब तक जिले में 32 हजार 610 आवासों के निर्माण को स्वीकृति मिली थी, जिसमें अब तक सिर्फ 27 हजार 941 आवासों का निर्माण पूर्ण हो पाया है। पहली किस्त 32 हजार 610 हितग्राही, दूसरी किश्त31 हजार184, तीसरी किश्त 29 हजार 737, चौथी किस्त 17 हजार 590 हितग्राहियों को मिल चुकी है। इस तरह 4 हजार 783 आवासों का निर्माण अधूरा है।
कर्ज लेने को मजबूर
करीब दो साल पूर्व स्वीकृत आवास निर्माण के लिए किश्त जारी नहीं होने से हितग्राही कर्ज लेकर निर्माण करा रहे हैं। ग्राम गांगपुर निवासी प्रमिला वर्मा, कमली वर्मा, लेखराम वर्मा, दुखहरण मानिकपुरी समेत अन्य आवास हितग्राही को बचत किश्त की राशि प्राप्त नहीं होने से आवास निर्माण कार्य रुक गए हैं। कर्ज लिए हुए हितग्राहियों को पैसे के लिए दुकानदार और अन्य लोग परेशान कर रहे हैं, जिससे हितग्राहियों के समक्ष आर्थिक संकट के साथ-साथ मानसिक पीड़ा उत्पन्न हो रही है।