धमतरी
इस बार खेल मैदान के मुख्य कार्यक्रम में नहीं रही रौनक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 27 जनवरी। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जनपद में अध्यक्ष शारदा साहू, नपं में अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने एवं विभिन्न शासकीय अर्ध शासकीय दफ्तरों में संस्था प्रमुखों ने ध्वजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी।
इस बार राष्ट्रीय पर्व में नगर की स्थापित परम्परा कायम नहीं रह पाई, अधिकारियों ने शासकीय गाइड लाइन के हवाले से स्कूली बच्चों को खाना खेल मेला मैदान में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में आने से रोक दिया। जिसके चलते हर बार होने वाले देशभक्ति, सांस्कृतिक एवं शौर्य प्रदर्शन वाले कार्यक्रम से नगरवासियों को वंचित रहना पड़ा।
26 जनवरी को सुबह जनपद पंचायत कार्यालय में अध्यक्ष शारदा लोकनाथ साहू ने उपाध्यक्ष जानसिंग यादव, सीईओ श्री वर्मा एवं जनपद सदस्यो की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया। नगर पंचायत में अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने पार्षद दल एवं गणमान्य जनों की उपस्थिति में तिरंगा फहराया।
अनुविभागीय दफ्तर में एसडीएम सोनाल डेविड, कोआपरेटिव बैंक में प्रबंधक टीके बैस, कुरुद सोसायटी में प्रबंधक टीआर बांसकार, बीआरसी भवन में राजेश पाण्डेय ने, पीएचई ऑफिस में पीएस गजेन्द्र, फारेस्ट में श्री मधुकर, पटवारी कार्यालय में पालसिंग ध्रुव एवं नेता प्रतिपक्ष भानु चन्द्राकर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र व टेक्सी यूनियन में ध्वजारोहण किया। इसी तरह विभिन्न दफ्तरों एवं वार्डों में भी ध्वजारोहण किया गया।
इस बार राष्ट्रीय पर्व पर हर बार खेल मेला मैदान में होने वाला मुख्य कार्यक्रम में पहले जैसी रौनक नहीं रही। जिसकी वज़ह स्कूली बच्चों का कार्यक्रम में शामिल न होना। नगर पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने गिने-चुने लोगों एवं एक निजी स्कूल के बच्चों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया।
इस बारे में नपं अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने कहा कि गणतंत्र पर्व के लिए 23 जनवरी को मंगल भवन में संबंधित पक्ष की बैठक रखी गई थी। जिसमें सभी ने खेलमैदान में मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने सहमति थी। लेकिन कुंठाग्रस्त नेताओं ने अधिकारियों पर दबाव डालकर राष्ट्रीय पर्व और कुरुद की स्थापित परम्परा को नुक्सान पहुंचाया है। जिसके विरोध में हम दो दिवसीय धरना प्रदर्शन कर इंसाफ मांगेंगे।
इस संबंध में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रविन्द्र नाथ मिश्रा ने बताया कि शासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए हमने सभी स्कूलों को अपने कैंपस में राष्ट्रीय पर्व मनाने का निर्देश जारी किया था।