महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 फरवरी। सरायपाली के सबसे व्यस्ततम व भारी भीड़भाड़ वाली झिलमिला चौक पर अस्थायी पुलिस सहायता केंद्र खोलने की मांग जारी है। मुहल्लेवासी और जनप्रतिनिधियों ने इस बाबत जिला पुलिस के तमाम आला अफसरों को हताया है कि सारंगढ़ व ओडिशा की ओर आने व जाने के लिए यह नगर का प्रमुख तिराहा है। दिन भर भारी वाहनों, छोटे वाहनों के साथ-साथ आने जाने वालों का तांता लगा रहता है। चौक के आसपास के मोहल्ले में गरीब व बाहर से आये लोगों की बसाहट अत्यधिक है। साथ ही रोजी-रोटी कमाने वालों की भीड़ यहां शाम को अधिक हो जाती है। साथ ही रात बजे के बाद लंबी दूरी की यात्री बसों का आवागमन भी प्रारम्भ हो जाता है। इस चौक में भारी आवागमन,असमाजिक तत्वों द्वारा असुरक्षा व अशांति फैलाने व यात्रियों की सुरक्षा के लिए अस्थायी तौर पर पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किये जाने की मांग की जा रही है।
उस संबंध में कुछ होटल व दुकान संचालकों, मोहल्लेवासियों व जनप्रतिनिधियों ने बताया कि झिलमिला चौक नगर का प्रवेश चौक है। यहां हमेशा भीड़भाड़ रहने के कारण यातायात का भारी दबाव रहता है। बिहार, झारखंड व ओडि़शा से रात्रिकालीन बसों का आना-जाना रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक निरंतर बने रहता है। इन बसों में प्रतिदिन सैकड़ों यात्री सफर करते हैं। इस चौक में बस चालकों व यात्रियों के लिए बड़ी व सुविधाजनक होटल होने के कारण बस चालक यहीं चाय व भोजन करना पसंद करते हैं। बहुत से यात्री इसी स्थान से बसों में चढऩा व उतरना भी पसंद करते हैं। यहां सबसे अधिक खतरा चौक के पास स्थित शराब दुकानों से है। शराब दुकान लगे होने के कारण यात्री बसों में सफर कर रही महिलाओं को अधिक परेशान करते हैं। यहां महिलाओं के वॉशरूम के लिए भी नगरपालिका की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बताया गया है कि शराबियों व असामाजिक तत्वों का आए दिन इसी स्थान पर लड़ाई झगड़े, मारपीट, लूटमार, हुड़दंग, गाली गलौच,चाकूबाजी आदि की घटनाएं होते रहती है। पुलिस विभाग के लिए भी यह चौक चेकिंग पॉइंट के लिए महत्वपूर्ण है। किसी संदिग्ध वाहनों अथवा व्यक्तियों को सूचना के आधार पर जांच के लिए रोकने हेतु पुलिस इसी चौराहे का उपयोग करती है। नगर के चुने हुए विभिन्न जनप्रतिनिधियों, वार्ड पार्षदों, होटल संचालकों व नगरवासियों ने पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, एसडीओपी अभिषेक सिंह, टीआई शिवानंद तिवारी से मांग की है कि उक्त कारणों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही झिलमिला में एक अस्थायी तौर पर पुलिस सहायता केंद्र की स्थापना की जाए।