महासमुन्द
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जिला अस्पताल में बिस्तर नहीं, नमी की वजह से जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,26जुलाई। सावन की झड़ी का आज लगातार पांचवा दिन है और इन दिनों नमी की वजह से जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप है। इसके कारण अस्पतलों में सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। महासमुंद जिला अस्पताल में पहले हर दिन सर्दी-खांसी और बुखार के औसतन 15 केस आते थे, वह बढक़र 30 पहुंच गई है। प्राइवेट अस्पतालों में भी कमोवेश यही स्थिति है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों की संख्या है। जलजनित बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी आम लोगों को सेहत का विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी है।
जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहरीले जीवों का भी खतरा बढ़ गया है। खासकर बिच्छू और सांप के काटे जाने की घटनाएं बढ़ी है। इसके लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां व एंटी स्नेक बाइट इंजेक्शन का स्टॉक रख लिया गया है। आमतौर पर बारिश के शुरुआती दिनों में सांप काटने के मामले अधिक आते हैं। कहा जाता है कि तेज गर्मी के बाद जब बारिश का पानी बिलों में घुसता हैं तो सांप बाहर निकलते हैं। जिससे सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है। ॉ
जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ.बसंत माहेश्वरी ने बताया कि सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की संख्या पहले के दिनों से दोगुनी हो गई है। वहीं मौसमी बीमारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में जहरीले जीवों से होने वाली दुर्घटना में भी इजाफा हुआ है। इन दिनों पूरे जिले में मौसमी बीमारी का प्रकोप है। पहले जिला अस्पताल में हर दिन सर्दी.खांसी और बुखार के औसतन 15 केस आते थे। वह बढक़र 30 पहुंच गई है। 330 बेड के जिला अस्पताल में बीते 15 दिनों के भीतर अब तक 600 से ज्यादा वायरल फीवर के मरीज पहुंच चुके हैं। इसकी मुख्य वजह मौसम में अचानक हुए बदलाव से सेहत पर विपरीत असर हुआ है।
उन्होंने बताया कि आईपीडी में 150 और ओपीडी में 550 मरीज पहुंच चुके हैं। इसी तरह प्राइवेट अस्पताल में भी बुखार समेत मौसमी बीमारियों से जुड़े मरीजों की संख्या इलाज कराने भीड़ लग रही है। सामान्य दिनों में सर्दी, खांसी व बुखार के औसतन 15 मरीज अस्पताल पहुंचते थे। लेकिन वर्तमान में इसकी संख्या दोगुना हो गया है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं। डॉ. बसंत माहेश्वरी ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में मरीजों के लिए उपचार व बेड उपलब्ध है।
जिले के सीएमएचओ पी.कुदेशिया ने कहा कि बीते कुछ दिनों से अचानक मौसम में बदलाव आया है। इसका विपरीत असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। स्थिति के अनुसार सेहत को लेकर सावधानी बरतना जरुरी है। ऐसे मौसम में लोग बाहर खुले में बिकने वाली खाने की चींजें बिल्कुल न खाएं। घर में ही अपनी पसंद की चींजे बनाकर खा सकते हैं। क्योंकि बाहर हवा में सूक्ष्म जीव खाने की चीजों में नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही खाने के साथ ही गुनगुना पानी लें। इससे सेहत अच्छा बना रहेगा। उबालकर पानी को दिनभर पी सकते हैं।
उन्होंने बताया कि बारिश में स्नेक बाइट के हर दिन मिल रहे 8 केस मिल रहे हैं। बारिश के कारण खेतों में लबालब पानी भरा हुआ है। किसान वर्ग धान रोपाई और निंदाई में परिवार के साथ व्यस्त है। खेतों में बारिश का पानी भरते ही बिच्छु, सांप व अन्य जीव जंतु निकलने लगे हैं। इससे स्नेक बाइट के केस बढ़ गए हैं। केवल जिला अस्पताल में ही हर दिन 8 केस पहुंच रहे हैं। हालांकि अब तक एक भी क्रिटिकल केस नहीं मिले हैं और न ही सांप डसने से एक भी लोगों की मौत हुई है। जिले के डाक््टर्स किसानों और ग्रामीणों को शाम के वक्त खेत नहीं जाने की सलाह दे रहे हैं।