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![गुरुद्वारा नानक सागर में श्री अखंड पाठ गुरुद्वारा नानक सागर में श्री अखंड पाठ](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1721815964-748.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 24 जुलाई। पूर्णिमा के अवसर पर गुरुद्वारा नानक सागर में श्री अखंड पाठ रखा गया। जिसकी समाप्ति रविवार को हुई। इस बार का पाठ रायपुर निवासी अमृतपाल सिंह ओबेरॉय के पिता स्व. अवतार सिंह की याद में रखा गया था। समाप्ति के बाद लंगर की व्यवस्था भी की गई।
सिखों के प्रथम गुरु श्रीगुरुनानक देव जी की पूरी यात्रा के दौरान वे बसना ब्लॉक के नानकसागर में दो दिन विश्राम के लिए रुके थे, इसकी खोज होने के बाद से देश-विदेश से सिखों का यहां पहुंचना जारी है। विगत 4 वर्ष पूर्व इसकी खोज हुई, उसके बाद से ही यहां विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हंै।
प्रत्येक माह की पूर्णिमा के दिन यहां के गुरुद्वारा साहब में श्री अखण्ड पाठ होता है, जिसकी समाप्ति के साथ बाहर से आई संगत एवम स्थानीय संगत के लिए लंगर का अयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में सिखों के अलावा बंजारा एवं रविदासी भक्त भी पहुंचने लगे है।
जुलाई माह की पूर्णिमा में श्रीअखण्ड पाठ की सेवा स्व. अवतार सिंह ओबेरॉय की याद में उनके पुत्र अमृतपाल सिंह ओबेरॉय ने की। इस कार्यक्रम में पाठ समाप्ति के बाद रायपुर से आई नन्हीं बच्चियों ने अलौकिक कीर्तन कर उपस्थित जनों का मन मोह लिया। इसके अलावा रायपुर से आये प्रभु मिलन की चाह के संयोजक भाई देवेंद्र सिंह बिट्टू ने वाहेगुरू सिमरन करवाया।
कार्यक्रम के अंत में सिख धर्म पर आधारित प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता आयोजित की गई। रायपुर से कीर्तन करने आई बालिकाओं में जसविंन अरोरा, श्रुति वाधवा, रोशनी छाबड़ा एवं तिया छाबड़ा शामिल थीं।