महासमुन्द

निसदा और समोदा के गेट खुले, महानदी सपाट बह रही
25-Jul-2024 2:04 PM
निसदा और समोदा के गेट खुले, महानदी सपाट बह रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 जुलाई।
लगातार तेज बारिश से महानदी, समोदा, निसदा जलाशय में जलस्तर बढ़ गया है। फलस्वरूप विभाग ने निसदा डेम के 9 तथा समोदा डेम की 25 गेट खोल दिए हैं। यदि आगामी दिनों और बारिश होती है स्थिति बिगड़ सकती है। गांवों की ओर बढ़ता जल स्तर ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित कर सकता है। दो दिनों से लगातार महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। 

बताया गया कि लगातार हो रही बारिश के कारण नदी में कैचमेंट एरिया से पानी की आवक बनी हुई है। निसदा डेम में जलभराव तेजी से हो रहा है जिसे कम करने के कुल 24 गेट में सोमवार को 13 गेट खोल दिया गया था। मंगलवार के बाद से अभी 9 गेट खुले हुए हैं। जिसके कारण महानदी का जलस्तर बढ़ गया गया है।

इधर निसदा डेम से पानी छोडऩे के बाद समोदा बैराज का जल स्तर बढ़ गया है। यहां भी बढ़ते जल स्तर की देखते हुए कुल 48 गेट में से 25 गेट खोल दिए गए हैं। इस बैराज में आज सुबह 8 बजे तक 4 मीटर पानी बचा था जो लगातार बारिश के कारण बढ़ रहा है। यदि आने वाले दिनों लगातार बारिश होती को परेशानी हो सकती है।

बारिश शुरू होने के साथ ही कोडार में भी पानी की आवक शुरू हो गई है। पिछले दिनों से हो रही बारिश के बाद कोडार में लगभग ढाई फीट का जल भराव अब बढक़र साढ़े नौ फीट हो गया है। मालूम हो कि जिला मुख्यालय से लगे 50 गांवों की खेती और तालाब को भरने के किंए कोडार जलाशय पर निर्भर रहना पड़ता है। रबी फसल की सिंचाई और निस्तारी के लिए तालाबों को भरने के बाद कोडार जलाशय को भी मानसून का इंतजार था।

बहरहाल जिले के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक बांधों को 50 से 85 प्रतिशत तक इस बारिश ने भर दिया है। इसके लिये 23.24 जुलाई के 24 घंटे अधिक कारगर रहे। इस दरमियान हुई 107 मिमी.बारिश ने भराव का आंकड़ा 467 मिली लीटर तक पहुंचा दिया। जबकिए 12 जुलाई तक आंकड़ा 185 मिली लीटर का रहा था। 15 से 23 जुलाई तक अलग-अलग दिनों में हुयी बारिश का आंकड़ा 360 तक पहुंचा कर किसानों में अच्छी बारिश होने की आश बधां दी थी। 23 जुलाई को सुबह आठ से लेकर 24 जुलाई सुबह 8 बजे तक बारिश ने झड़ी का रूप ले लिया था। जिसकी वजह से हुयी 107 मिली लीटर बारिश ने सिंचाई सुविधा वाले उन किसानों का रोपा कार्य अपेक्षित गति नहीं पकड़ रहा था तथा ऐसे कृषक जिनकी नर्सरी में धान का थरहा एक अच्छे पानी की प्रतीक्षा कर रहे थे। उनका काम अनवरत जारी रहने की संभावना है। जिन खेतों में धान फसल के बियासी का इंतजार कर रहे थे, ऐसे किसान जो लेई चोपी लईहारा बोआई के लिये पानी का इंतजार कर रहे थे, उनको भी पानी ने काम शुरू करने संदेश दे दिया है। आज के बाद आने वाले दिनों में कृषि कार्य युद्ध स्तर चलने की पूरी संभावना है। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news