धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 16 मार्च। सिविल अस्पताल कुरूद में विश्व ग्लाकोमा सप्ताह मनाया गया, जिसमें मरीजों को नेत्र रोग से संबंधित जानकारी दी गई।
खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. यूएस नवरत्न, मेडिकल आफिसर डॉ हेमराज देवांगन के मार्गदर्शन में चलाए गए ग्लाकोमा सप्ताह के बारे में कुरुद विकासखण्ड नोडल अधिकारी अंधत्व डॉ. क्षितिज साहू ने बताया कि आँखों पर दबाव पडऩे की वजह से ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुचता है, जिसकी वजह से धीरे- धीरे आँखों की रौशनी कम होने लगती है। इसी स्थिति को ग्लाकोमा व काला मोतिया कहा जाता है, इनके लक्षण सर में दर्द, बार-बार चश्मे का नम्बर बदलना ,दृष्टि का दायरा सिकुडऩा ,40 वर्ष की उम्र से इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होता है।
परिवार में ग्लाकोमा होने, आँखों में चोट लगने तथा ब्लड प्रेशर वाले मरीजों की संभावना अधिक रहती है, एक बार आंखों का ऑप्टिक नर्व सुख जाने के बाद कोई उपचार नहीं होता, अगर सही समय पर आँखों की जाँच नहीं करवाएंगे तो ग्लाकोमा की वजह से आँखों की रौशनी हमेशा के लिए जा सकती है। आँखों की जाँच समय समय पर कराते रहना चाहिए। सभी शासकीय हॉस्पिटल नेत्र रोग विभाग में निशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध है। इस अवसर पर डॉ. सरोज दीवान, डॉ.नीरजा गिडवानी, डॉ. लोमेश कुर्रे, डॉ.प्रवीण टण्डन आदि उपस्थित थे।