महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,12 अप्रैल। बसना थाने के बामड़ाडीह में ग्राम पंचायत द्वारा सार्वजनिक हित, पानी टंकी, शासकीय भवनों का निर्माण एवं बच्चों के खेल मैदान के लिए आरक्षित शासकीय जमीन से कब्जा हटाने जेसीबी लेकर नायब तहसीलदार व राजस्व कर्मी, पुलिस विभाग टीम के साथ पहुंचे। लेकिन कब्जा नहीं हटाया तो ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर राजस्व विभाग की टीम को घेर लिया। बिना कब्जा हटाये ग्रामीण उन्हें जाने नहीं दे रहे थे। आखिरकार राजस्व व पुलिस टीम की समझाइश पर मामला शांत हुआ।
नायब तहसीलदार देवेन्द्र सिरमौर के मुताबिक गांव बामड़ाडीह के बीच गली में प्राथमिक शाला भवन से सटे शासकीय भूमि पर गांव के लोगों का कब्जा है। जहां जल जीवन मिशन अंतर्गत पानी टंकी निर्माण कराया जाना है।
सुबह 11 बजे जेसीबी लेकर अवैध अतिक्रमण हटाने वहां गये थे। लेकिन अतिक्रमणकारियों की याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए एसडीएम न्यायालय को सात दिवस के भीतर मामले की सुनवाई कर निराकरण करने के निर्देश दिये हैं। इस वजह से मामले में एसडीएम न्यायालय से सुनवाई के बाद ही इस पर निर्णय होने की बात सुनते ही ग्रामीण आक्रोश में आ गये।
इसके बाद अतिक्रमणकारियों से कहा गया कि एसडीएम न्यायालय में जाकर अपनी सुनवाई करा लें, फिर आगे की कार्रवाई करेंगे। फिर भी ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि आप लोग आये हैं तो अतिक्रमण हटा के ही जाएं, वरना जाने नहीं देंगे। आखिरकार बसना थाना प्रभारी शशांक पौराणिक मौके पर पहुंचे। ग्राम पंचायत भवन में उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुये मामले को शांत किया।
उन्होंने बताया कि बामड़ाडीह के बीच गली प्राथमिक शाला भवन से सटे शासकीय भूमि पर गांव के संपन्न व्यक्तियों द्वारा खसरा नम्बर 593 एवं 687 में डोलामणी पिता रमेश, हेमंत कुमार पिता रमेश, रमेश पिता लालसाय बिहारी पिता दीवान, रकबा 3.37.111 मीटर एवं 13.35. 455 मीटर बाउंड्रीवाल एवं पक्का मकान, खसरा नम्बर 593 मोहित पिता जयभारत, रोहित पिता जयभारत रकबा 2.1 व 8.9.576 मीटर शौचालय एवं पक्का मकान, खसरा नम्बर 604 प्रभाकर पिता पूर्णो रकबा 9.7,63 मीटर खाद गढ्डा और खसरा नम्बर 593 एवं 604 फकीर पिता मोहन रकबा 19.37.703 मकान एवं पक्का बाउंड्रीवाल बनाकर वर्तमान में कब्जा है। वर्ष 2020 में इन लोगों द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शुरुआत की गई।
ग्रामवासियों ने इस पर आपत्ति कर अतिक्रमण नहीं करने की समझाईश दी थी लेकिन नहीं मानने पर पंचायत ने 4 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर शासकीय भूमि को सार्वजनिक हित एवं बच्चों के खेल मैदान हेतु आरक्षित की। अतिक्रमणकारियों पर पूरी पंचायत ने एकजुट होकर हर हाल में निर्माण कार्य बंद कराने कहा और पूरा गांव अतिक्रमण के किलाफ लामबंद हो गया। ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हेतु तहसीलदार पिथौरा को 13 फरवरी 2020 को हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया।
उनके आवेदन पर हल्का पटवारी ने स्थल निरीक्षण कर सरपंच एवं ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा तैयार कर जांच प्रतिवेदन 15 फरवरी 2020 को तहसीलदार पिथौरा के समक्ष प्रस्तुत किया। तहसीलदार पिथौरा ने 6 मार्च 2020 को स्थगन आदेश जारी कर 8 अतिक्रमणधारी के खिलाफ प्रतिलिपि भेजकर, बसना थाना हल्का पटवारी नंबर 42, सरपंच बामड़ाडीह को कार्रवाई एवं सूचनार्थ प्रेषित किया। परंतु स्थगन आदेश के बाद भी अतिक्रमणकारियों द्वारा बेधडक़ निर्माण कार्य जारी रहा।
पंचायत एवं ग्रामीणों ने पुन: जल जीवन मिशन अंतर्गत पानी टंकी निर्माण एवं शासकीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु एसडीएम पिथौरा को 26 अप्रैल 2021 को उक्त कब्जा हटाने का आवेदन दिया। इसके अलावा 20 अगस्त 2021 को पूर्व विधायक बसना देवेंद्र बहादुर सिंह को गुहार लगायी। जिस पर कार्रवाई हेतु एसडीएम पिथौरा को अनुशंसा की गयी। इस पर नायब तहसीदार पिथौरा ने 11 अप्रेल 2022 को खसरा नम्बर 593 अमराई शासकीय भूमि, 604 रास्ता शासकीय भूमि, 687 खलिहान शासकीय भूमि से डोलामणी पिता रमेश, हेमंत कुमार पिता रमेश, रमेश पिता लालसाय, बिहारी पिता दीवान, मोहित पिता जयभारत, रोहित पिता जयभारत, प्रभाकर पिता पूर्णों और फकीर पिता मोहन को 7 दिवस के अंदर कब्जा हटाने का आदेश पारित किया।
अतिक्रमणकारियों के एसडीएम कोर्ट में आवेदन की सूचना होने पर पंचायत एवं ग्रामीणों ने 26 अप्रैल 2022 को नायब तहसीलदार के आदेश पर स्थगन आदेश नहीं लगाने के लिए आवेदन किया। जिस एसडीएम पिथौरा ने 27 अप्रैल 2022 को उनके कोर्ट में निराकरण तक नायब तहसीलदार के 11 अप्रैल के आदेश को स्थगित कर दिया। विगत दो वर्षों से आवेदन देने के बाद भी जमीन का सीमांकन नहीं होने को लेकर वार्ड क्रमांक 1 अंबेडकर नगर निवासी विजय कुमार मिर्धा पिता स्व.ठंडाराम मिर्धा ने बीते दिनों अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि उनके द्वारा पतेरापाली में स्थित उनके भूमि के सीमांकन के लिए उनके द्वारा फरवरी मार्च 2022 में ही सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया गया था। जिस पर तहसीलदार ने आर आई को सीमांकन हेतु आदेशित भी किया था। उन्होंने शिकायत की है कि सीमांकन के लिए संबंधित आर आई के द्वारा राशि की मांग की गई और राशि न देने के कारण बार-.बार निवेदन करने के बाद भी विगत दो वर्षों से घुमाया जा रहा है। इसके कारण उन्हें बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।