महासमुन्द
महासमुंद,18अप्रैल। पूर्व संसदीय सचिव व पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडीए आईटी आदि जांच एजेंसियों द्वारा जिस नेता के खिलाफ दागी व भ्रष्टाचारी होने का आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है, उन्हीं नेताओं को भाजपा अपने पार्टी में शामिल कर लोकसभा प्रत्याशी बना रहे हैं। 400 सीट जीतने का नारा देने वाली पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं व नेताओं पर भरोसा नहीं रहा। इसलिए दूसरे दलों के नेताओं को अपने पार्टी में शामिल करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे दल के नेता भ्रष्टाचार करते हैं तो उन पर ईडी, इनकम टैक्स की कार्रवाई होती है। और बीजेपी ज्वाइन करने के बाद वही नेता पाक साफ हो जाते हैं। पिछले दस सालों में बीजेपी ने क्या काम किए हैं, जनता सब जानती है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के वादाखिलाफी और जनविरोधी नीतियों के कारण अलोकप्रिय हो चुके भाजपाई अब इस लोकसभा चुनाव में केवल दल बदल के आसरे हैं। देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार कोई सत्ताधारी दल दूसरे दलों के नेताए कार्यकर्ताओं को दलबदल कराने के लिए पृथक से प्रकोष्ठ बनाकर अपना कुनबा बढ़ाने की जुगत में है। कांग्रेस मुक्त भारत का जुमला देने वालों की अब हालात यह हो गई है कि पूरी की पूरी पार्टी कांग्रेस युक्त होने लगी है। केवल राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि अब तो दागी, भ्रष्टाचारी, अपराधी और हिस्ट्रीसीटरों को भी भाजपाई अपने दल में शामिल कर रहे हैं।
श्री चंद्राकर ने कहा है कि पूरे देश में भाजपा का यही चरित्र है कि जांच एजेंसियों के माध्यम से आरोप लगाओ, जेल जाने का डर दिखाओ और फिर अपनी पार्टी में शामिल करके सारे आरोपों से मुक्त कर दो। छत्तीसगढ़ में चिंतामणि महाराज चार महीने पहले जब कांग्रेस से सामरी के विधायक थे, तब उन्हें ईडी के तथाकथित परिवहन कोल घोटाले में आरोपी बताया गया। लेकिन अब वे भाजपा में जाकर सरगुजा लोकसभा से प्रत्याशी हैं।
ईडी द्वारा ईओडब्लू को एफआईआर दर्ज करने के लिये लिखे गये पत्र में दसवें क्रम में उनका नाम था। लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद ईओडब्लू के दायरे से बाहर हो गये।
श्री चंद्राकर ने कहा कि हरियाणा में नवीन जिंदल, महाराष्ट्र में अशोक चौहान, एकनाथ शिंदे, नारायण राणे, अजीत पवार, कर्नाटक में रेड्डी बंधू और येदुरप्पा, पश्चिम बंगाल में मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी जैसे अनेक उदाहरण हैं। छगन भुजबल जब भाजपा के विरोधी थे, 2016 में
महाराष्ट्र सदन घोटाला के आरोपी थे। भाजपा में शामिल होने के बाद ईडी ने बाकायदा न्यायालय में आवेदन देकर उनके खिलाफ मामला वापस ले लिया। इसी तरह प्रफुल्ल पटेल जब भाजपा के विरोध में थे 840 करोड़ के विमान घोटाले के आरोपी थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया। हेमंता बिसवा सरमा जब कांग्रेस में थे तब जल घोटाला, जमीन घोटाला, शारदा, नरदा चिटफंड के आरोपी थे। भाजपा में शामिल होकर पिछले दो बार से असम के मुख्यमंत्री हैं। छत्तीसगढ़ में भी यही सिलसिला चल रहा है। भाजपा के डर और लालच की राजनीति का जवाब जनता चुनाव में भाजपा के खिलाफ़ मतदान करके देगी।