दुर्ग
![भारती विवि के फॉरेंसिक साइंस विभाग के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण भारती विवि के फॉरेंसिक साइंस विभाग के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17188747890_durg_photo-3.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 20 जून। भारती विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक साइंस विभाग के छात्र-छात्राओं ने वन्यजीव स्वास्थ्य और फॉरेंसिक केंद्र, दाऊ वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा का शैक्षणिक भ्रमण किया। डॉ. जसमीत सिंह, सहायक प्राध्यापक वन्यजीव स्वास्थ्य और फॉरेंसिक केंद्र एवं उनकी टीम ने विद्यार्थियों के लिए एक विशेष व्याख्यान और परिसर भ्रमण की व्यवस्था की। डॉ. जसमीत सिंह ने अपने व्याख्यान में विभिन्न जानवरों के पंजों के निशानों की पहचान और उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव फॉरेंसिक विज्ञान किस प्रकार अवैध शिकार, वन्यजीव अपराधों और तस्करी की घटनाओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. सिंह ने समझाया कि कैसे फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग करके अपराधियों का पता लगाया जा सकता है और न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है? उन्होंने वन्यजीवों के डीएनए, पंजों के निशान (पगमाक्र्स), बाल और अन्य जैविक नमूनों के विश्लेषण की प्रक्रिया को भी समझाया। इस भ्रमण के दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं और जानवरों व उनके पगमार्क्स का प्रदर्शन किया गया।
इस शैक्षणिक दौरे का आयोजन फॉरेंसिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष निशा पटेल द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वन्यजीव फोरेंसिक विज्ञान के महत्व और वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के बारे में जागरूक करना था। इस भ्रमण को सम्पन्न कराने में जयंत बारिक, सहायक प्राध्यापक, फॉरेंसिक साइंस विभाग ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस भ्रमण में फॉरेंसिक साइंस विभाग के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढक़र भाग लिया।