राजनांदगांव
![संविधान की बलि लेने वाली की निन्दा करें राहुल - मधुसूदन संविधान की बलि लेने वाली की निन्दा करें राहुल - मधुसूदन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719397003jn__2_Madhusudan_Yadav.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 जून। पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने देश पर जबरन थोपी गई एमरजेंसी को याद करते कहा कि आज आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ है। यह देश के लिए एक काला दिवस था। जिसके तहत तब की केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने सभी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर सरकार का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था।
उन्होंने इतिहास याद दिलाते कहा कि भारत में सबसे बड़ा आपातकाल 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर लगाया था, जो 21 मार्च 1977 तक लागू रहा, तब देश में आपातकाल लागू करने का कारण यह था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के आधार पर इंदिरा गांधी के लोकसभा निर्वाचन को अमान्य करार देते उन्हें 6 साल तक संसदीय कार्यों से निषेधित कर दिया गया था। उस समय देश में इमरजेंसी लागू कर सरकार ने शक्ति का दुरूपयोग करते मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया और सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। आजादी के बाद संविधान की आत्मा पर सबसे बड़ा निर्मम प्रहार किया गया। पूर्व सांसद ने प्रश्न किया है कि आज जबकि राहुल गांधी संविधान की किताब हाथ में लहराकर संविधान की रक्षा करने की बात कर रहे हैं तो क्या वो अपने पार्टी एवं नेताओं की गलती स्वीकार करते देश में इमरजेंसी लागू करके संविधान की आत्मा पर प्रहार करने वालों की निंदा करेंगे।