बलरामपुर
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स्कूल में मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजनगर, 22 जुलाई। रामानुजनगर विकासखंड के प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला जगतपुर में गुरुपूर्णिमा का आयोजन किया गया। सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार साहू एवम सीएसी लक्ष्मी तिवारी ने मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरुआत की। सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों को तिलक लगाकर, पुष्पहार पहना, पैर छूकर आशीर्वाद लिए। शिक्षकों ने गुरुपूर्णिमा पर गुरु शिष्य परंपरा का महत्व बताया।
शिक्षिका हेमलता चंद्रा ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि इसी विद्यालय में पहली पोस्टिंग 15 वर्ष पहले हुई। हमारे प्रधान पाठक 10 मिनट लेट आने पर गेट बंद करते थे। शुरू में थोड़ा अलग लगा, किंतु नियमितता मेरे जीवन का अंग बन गई, उनके मार्गदर्शन में मैंने काम करना सीखा। मुझे जिला स्तरीय कई पुरस्कार मिले। आप सभी छात्रों को जीवन में अनुशासन अपनाना होगा।
सीएसी लक्ष्मी तिवारी ने अपने गुरुओं को याद करते हुए गुरु का शिष्य के जीवन में महत्व को रेखांकित किया।
एबीईओ मनोज कुमार साहू ने कहा कि भारत की गुरु शिष्य परंपरा गरिमामय रही। भारत में गुरुओं का स्थान भगवान से भी ज्यादा माना गया है हमारे देश में भगवान राम ने अपने गुरु विश्वामित्र और भगवान कृष्ण ने अपने गुरु संदीपनी मुनि से शिक्षा प्राप्त किया। यहां नालंदा, तक्षशिला विक्रमशिला जैसे वैश्विक और उत्कृष्ट स्तर के विश्वविद्यालय थे, जहां गुरुजी अपने शिष्यों को ज्ञान,विज्ञान, चिकित्सा, जीवन जीने की कला की शिक्षा देते थे। चरक, सुश्रुत, नागार्जुन जैसे शिक्षकों ने भारत को विज्ञान के शिखर पर पहुंचाया।
आरूणी की गुरु भक्ति और एकलव्य की गुरु दक्षिणा बड़े आदर से स्मरण किए जाते हैं। हम सभी शिक्षकों को उन गुरुओं से प्रेरित होकर अपने मेधा का उपयोग कर छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना होगा।
कार्यक्रम में शिक्षक मनहरण लाल तोमर, अजय साहू ,घनश्याम नेताम, हेमलता चंद्रा, प्रभा सिंह एवं वंश बहादुर सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक विजय कश्यप ने किया।