धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 9 जून। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रांतीय निर्देशानुसार संगठन के ब्लॉक इकाई नगरी के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक न्यायालय से स्थगन समाप्त नहीं हो जाता, तब तक अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदों को सुरक्षित रखने तथा आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति को निरस्त करने का मांग पत्र 8 जून को संघ के प्रतिनिधियों ंंने विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव को सौंपा है।
इस संबंध में ब्लॉक अध्यक्ष डोमार सिंह धु्रव ने बताया है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण डब्ल्यूपीएस नं.9778/2019 विष्णुप्रसन्न तिवारी विरुद्ध छग राज्य डब्ल्यूपी/91/2019में पदोन्नति में आरक्षण नियम 2003 को निरस्त करदो माह में माननीय सुप्रीम कोर्ट एम नागराज केस जनरेल सिंह केस में पारित आदेश के शर्तो का पालन करते हुए नए पदोन्नति नियम दो माह में बना लेने की छूट दी गई थी, पर उक्त निर्देशो का पालन किये बिना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 30 अक्टूबर 2019 को नए नियम तैयार कर लागू किया गया, जिसे चुनौती देने के कारण100 बिंदु के रोस्टर नियम पर 9 दिसंबर 2019 को इसे सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांत के विपरीतहोना बताकर पी -5 पदोन्नति के लिए 100 बिंदु के रोस्टर पर रोक स्थगन का आदेश देते हुए आरक्षण के बिना सरकार वरिष्ठता के आधार नियम का पालन करते हुए नियमित पदोन्नति दे सकती है, कहा गया।
आरक्षण अधिनियम 1994, नियम 1998 पदोन्नति नियम 2003 एवं समय समय पर हुए संशोधन प्रभावी है। मात्र रोस्टर नियम 5 जिसके अनुसार 100 बिंदु का रोस्टर तैयार किया गया है, को स्थगित किया गया। समाप्त नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में लागू पदोन्नति नियम 2003 के अनुसार आरक्षित पदों को किसी भी तरीके अनारक्षित वर्गों से नहीं भरा जाएगा। अत: पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक न्यायालय से स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक आरक्षित पदों को सुरक्षित रखे जाने की मांग शासन से की जा रही है।
संघ के प्रतिनिधियों का विस्तारपूर्वक चर्चा उपरांत विधायक डॉ. धु्रव द्वारा शासन स्तर से उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।
इस दौरान संघ अध्यक्ष डोमार सिंह धु्रव, सलाहकार डी.के.सूर्यवंशी, महासचिव सुरेश धु्रव, सचिव स्कंद धु्रव, संगठन मंत्री माखन धु्रव, द्वारिका नेताम सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।