धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ के भूगर्भ में प्रकृति के बेशकीमती और अनमोल खनिज संपदा है जिसे सहेज कर राज्य सरकार इसका उपयोग करें तो राजस्व के साथ ही आम आदमी को इसका लाभ मिलेगा जरुरत है, तो इस पर संज्ञान लेकर गंभीरता पूर्वक विचार कर क्रियान्वयन करने की, यह कहना है माइनिंग क्षेत्र से जुड़े नगर के युवा गगन नाहटा का।
श्री नाहटा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि हमारे क्षेत्र के ग्रामीणों को प्राकृतिक रूप से प्राप्त विभिन्न रत्न (हीरे, नीलम ,पन्ना सहित अन्य रत्न स्वयं होकर शासन निधि मे थाने के माध्यम से ट्रेजरी में नीलामी हेतु जमा किया जा सकता है जिसे शासन के द्वारा नीलामी कर उसे विभिन्न प्रकार के टैक्स काट कर ग्रामीणों को उसकी राशि प्रदान की जाए। जिसकी माँग पत्र मेरे द्वारा राज्यपाल महोदय एवं मुख्यमंत्री छ.ग.शासन सहित प्रधानमंत्री भारत शासन को 6 मई 2016 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। पत्र में उल्लेख कर इस पर उचित कार्यवाही कर थाना सिहावा में रत्न जमा करने के लिए ट्रेजऱी बनाया जाए। इसी तरह की ट्रेजरी मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में है जिसका प्रारूप लिया जा सकता है।
बारिश के दिनों में हर वर्ष बाढ़ के बाद नदी नालों पहाड़ के कटाव से ये रत्न बाहर आ जाते है, जो ग्रामीण को मिलता है तो वह ग्राहक खोजता है और तस्कर की श्रेणी में आ जाता है, जबकि ये प्रकृति से प्राप्त है। कृपया उचित मांग के अनुसार शासन ट्रेजरी बनाने की कृपा करे। वर्तमान में सिहावा-नगरी के चारों तरफ़ 100 किमी के दायरे में किंबर लाइट चेम्बर और विभिन्न रत्न भंडार होने से ये समस्या होती है जिसे जल्द ही सुलझाया जाए।