सामान्य ज्ञान
वर्ष 1939 में जब दुनिया में दूसरा विश्व युद्ध हो रहा था, पारले कंपनी ने भारत में ग्लूकोज बिस्किट बनाने शुरू किए थे। 1980 में ग्लूको बिस्किट्स का नाम बदल कर पारले-जी कर दिया गया। इसमें जी का मतलब ग्लूकोज ही है।
1982 में लॉन्च हुए पारले-जी के पहले टीवी कमर्शल के साथ आया स्लोगन- स्वाद भरे, शक्ति भरे पारले-जी। 2001 में पहली बार पारले-जी ने कागज की पैकिंग छोड़ दी। नए मिलेनियम के लिए नई प्लास्टिक पैकिंग की शुरुआत की गई। स्वाद भरे, शक्ति भरे पारले-जी का सफर अब जी माने जीनियस तक पहुंच चुका है। इस के लेटेस्ट - कल के जीनियस ऐड को गुलजार ने लिखा है और पीयूष मिश्रा ने आवाज दी है।
पारले-जी बिस्किट्स जितना लोकप्रिय है, उतना ही लोकप्रिय है इसके पैकेट पर बने बच्चे का चेहरा। लोगों ने इस बच्ची की पहचान के लिए कई नाम सुझाए। किसी ने नागपुर की नीरू देशपांडे बताया तो किसी ने गुंजन गुंदानिया। आखिरकार पारले के मयंक शाह ने खुलासा किया कि दरअसल यह हाथ से बनाई गई तस्वीर थी जो ऐडवर्टाइजिंग फर्म ऐवरेस्ट के एक क्रिएटिव ने बनाई थी।