सामान्य ज्ञान
अबुल कासिम फिरदौसी ईरान के विख्यात शायर हुए हैं। वे 319 या 320 हिजरी शम्सी में ईरान के पूवोत्तरी क्षेत्त तूस में पैदा हुए थे। उनकी ख्याति उनकी शाहनामा नामक काव्य रचना से है जिस पर उन्होंने अपनी युवावस्था में ही काम आरंभ कर दिया था और अंतिम आयु तक वे इसे अच्छे से अच्छा बनाने का प्रयास करते रहे। कई बार उन्होंने शेरों में परिवर्तन भी किए।
शाहनामा ईरानी संस्कृति और इतिहास का शब्दकोश है जिसकी रचना के लिए फिरदौसी ने विभिन्न स्रोतों से लाभ उठाया। इस काव्य रचना में फिरदौसी ने ईरान में इस्लाम धर्म आने से पहले के ईरानी इतिहास और ईरानी जीवन के उतार चढ़ाव को बयान किया है। इस काव्य रचना का अब तक कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
फिरदौसी का शाहनामा दरअसल ईरान का इतिहास ही नहीं ईरानी अस्मिता की पहचान है। उसमें प्राचीन ईरान की उपलब्धियों का बखान है। सम्राटों का इतिहास है। प्राचीन फ़ारसी ग्रंथों को नया रूप देकर उनको शामिल किया गया है। मिथक और इतिहास के सम्मिश्रण से एक अद्भुत प्रभाव उत्पन्न हुआ है। प्रेम, विद्रोह, वीरता, दुष्टता, मानवीयता, युद्ध, साहस के ऐसे उत्कृष्ट उदाहरण हैं जिन्होंने शाहनामा को ईरानी साहित्य की अमर कृति बना दिया है। ईरानी साहित्य में शाहनामा जितनी तरह से जितनी बार छपा है उतना और कोई पुस्तक नहीं छपी है। फिरदौसी ने रुस्तम और सोहराब जैसे पात्र निर्मित किए हैं जो मानव-स्मृति का हिस्सा बन चुके हैं।