सामान्य ज्ञान

मुमताज महल
07-Jun-2021 12:40 PM
मुमताज महल

मुमताज़ महल मुग़ल सम्राट जहांगीर के प्रधानमंत्री आसिफ़ ख़ान की पुत्री और महारानी नूरजहां की भतीजी थी।  इनका जन्म अप्रैल 1593 में आगरा में हुआ था। इनके पिता अब्दुल हसन असफ़ ख़ान एक फारसी सज्जन थे जो नूरजहां के भाई थे।  19 वर्ष की उम्र में अर्जुमंद का निकाह शाहजहांं से 10 मई, 1612 को हुआ। अर्जुमंद शाहजहां की तीसरी पत्नी थी पर शीघ्र ही वह उनकी सबसे पसंदीदा पत्नी बन गईं। उनका असली नाम अरजुमंद बानो था। वह बहुत सुंदर महिला थीं। 
सन 1611 ईसवी में उनकी बुआ नूरजहां का विवाह जहांगीर से हुआ तो उनके पिता दरबार से निकट हुए और 10 मई सन 1612 ईसवी को जहांगीर के पुत्र शहज़ाद ख़ुर्रम से उनका विवाह हुआ। बाद में शहज़ादा ख़ुर्रम शाहजहां के नाम से सिंहासन पर बैठा तो अपनी महारानी अरजुमंद बानो को मुमताज़ महल की उपाधि दी। मुमताज़ महल के देहान्त के बाद शाहजहां ने दूसरा विवाह नहीं किया बल्कि अपना सारा ध्यान उनकी याद में एक भव्य इमारत के निर्माण पर लगाया कि जो आज पूरे विश्व में ताज महल के नाम से प्रसिद्ध है। 
7 जून वर्ष 1631 ईसवी को मुग़ल सम्राट शाहजहां की महारानी मुमताज़ महल का निधन 14वीं संतान, बेटी गौहारा बेगम को जन्म देते वक्त हुआ। उनको आगरा में ताज महल में दफनाया गया। उनकी जीवित संतानों में शामिल थीं- शहज़ादी हुरलनिसा बेग़म, शहज़ादी जहांनारा बेग़म, शहज़ादा दारा शिकोह, शहज़ादा मोहम्मद सुल्तान शाह शुजा बहादुर, शहज़ादी रोशनआरा बेग़म, बादशाह (सम्राट) औरंगज़ेब, शहज़ादा सुल्तान उम्मीद बख़्श, शहज़ादी सुरैय्या बानो बेग़म ,शहज़ादा सुल्तान मुराद बख़्श , शहज़ादा सुल्तान लुफ़्ताल्ला, शहज़ादा सुल्तान दौलत अफज़़ा,शहज़ादी हुस्नारा बेग़म ,शहज़ादी गौहारा बेग़म। 

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