सामान्य ज्ञान
रोजर गैरोडी फ्रांस के विख्यात दार्शनिक और लेखक हुए हैं। 17 जुलाई, 1913 को उनका जन्म फ्रांस के मार्सी नगर में हुआ। आरंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वह विश्वविद्यालय पहुंचे जहां उन्होंने तीन विषयों दर्शनशास्त्र, साहित्य तथा संस्कृति व सभ्यता में डॉक्ट्रेट किया।
फ्रांस पर जर्मनी के अधिकार के दौरान उन्होंने हिटलर के फ़ासीवाद का विरोध किया जिसके चलते उन्हें वर्ष 1940 से 1943 तक जर्मनी की जेल में रहना पड़ा जो युद्ध बंदियों के लिए बनाई गई थी। वह 36 वर्षों तक फ्रांस की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहे जबकि 25 वर्ष वह पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य रहे। कम्युनिज़्म और लिबरलिज़्म से गैरोडी संतुष्ट नहीं हुए जिसके बाद उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया।
वर्ष 1979 में ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता का इस्लाम की ओर उनके झुकाव में पड़ा प्रभाव रहा। उन्होंने ज़ायोनिज़्म के बारे में अपने विचार बड़े साहस के साथ व्यक्त किए उन्होंने इस्राईल की कहानी और ज़ायोनी राजनीति के नाम से एक पुस्तक लिखी जिसके चलते उन पर मुकदमा चलाया गया। उनकी दूसरी पुस्तक इस्राईल के नीति निर्धारक के मिथक नाम से प्रकाशित हुई जिस पर ज़ायोनी बिफर उठे और हिटलर के हाथों साठ लाख यहूदियों की हत्या के अतिशयोक्तिपूर्ण दावे की पोल खोल देने के नाते उन्हें न्यायालय के कटहरे मे पहुंचा दिया गया। इस दार्शनिक ने अनेक पुस्तकें लिखी हैं जिनमें बीसवीं शताब्दी की कथा, अमरीका पतन का अगुवा और इस्लाम के वचन आदि का नाम लिया जा सकता है।